अमेरिका में हेलेन तूफान का कहर, 6 राज्यों में इमरजेंसी:225kmph की रफ्तार से बढ़ रहा; 12 राज्यों में 1.20 करोड़ लोग प्रभावित, 1000 फ्लाइट्स रद्द

अमेरिका में शुक्रवार को हेलेन चक्रवात से 12 राज्यों में 5 लोगों की मौत हो गई है, कई लोग घायल हो गए हैं। इससे 1 करोड़ 20 लाख लोग प्रभावित हैं। अमेरिका के फ्लोरिडा, जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना, साउथ कैरोलिना, वर्जीनिया और अलबामा में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इन राज्यों में 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स को रद्द कर दी गई हैं। वहीं 4 हजार से ज्यादा फ्लाइट्स पर असर पड़ा है। हेलेन चक्रवात शुक्रवार की सुबह फ्लोरिडा के तट से टकराया था। तब 225 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही थी। पानी भरने की वजह से लोग घरों में बोट चला रहे हैं। स्टेट इमरजेंसी सर्विस ने बताया कि अगले दो से तीन दिन में 5 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं। तूफान के कहर से जुड़ी 10 तस्वीरें… तेज हवा से खेत में खड़ी ट्रोली उड़कर हाइवे पर पहुंची तूफान की वजह से 20 लाख लोगों के घरों में बिजली नहीं है। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डी-सेंटिस ने निचले इलाकों में रहने वालों को पहले ही सुरक्षित जगहों पर चले जाने की सलाह दी थी। फ्लोरिडा की राजधानी टालाहैसी के मेयर जॉन डेली ने कहा कि यह शहर में आया अब तक का सबसे शक्तिशाली तूफान हो सकता है। इससे शहर को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इंडिपेंडट की रिपोर्ट के मुताबिक, हेलेन के चलते जॉर्जिया की व्हीलर काउंटी में खेत में खड़ा ट्रॉला उड़कर हाईवे पर गिर गया। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। इसकी चपेट में दो गाड़ियां भी आईं, हालांकि यह पता नहीं चला है कि इसमें कितने लोग घायल हुए हैं। सदी का सबसे बड़ा तूफान
अमेरिकी मौसम वैज्ञानिक फिल क्लॉट्जबैक ने कहा कि पिछले 35 सालों में सिर्फ 3 तूफान हेलेन से बड़े थे। 2017 का इरमा, 2005 का विल्मा और 1995 का ओपल। वहीं, ये मैक्सिको की खाड़ी में आया 100 साल का सबसे बड़ा तूफान है। इरमा तूफान की वजह से अमेरिका और आसपास के देशों में 134 लोगों की मौत हुई थी। विल्मा से 23 लोग और ओपल तूफान की वजह से 27 लोग मारे गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, तापमान बढ़ने की वजह से ताकतवर तूफानों की संख्या बढ़ती जा रही है। तूफान से जुड़े 3 वीडियो… टाइफून, हरिकेन और टॉरनेडो में क्या अंतर है?
स्ट्रॉर्म या तूफान वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस होता है, जो तेज हवाओं के जरिए सामने आता है और उसके साथ बारिश, बर्फ या ओले पड़ते हैं। जब ये धरती पर होते हैं तो आम तूफान कहलाते है, लेकिन समुद्र से उठने वाले स्टॉर्म को हरिकेन कहते हैं। हरिकेन आम स्टॉर्म से ज्यादा खतरनाक होते हैं। हरिकेन, साइक्लोन और टाइफून तीनों एक ही चीज होते हैं। दुनियाभर में साइक्लोन को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। जैसे- उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन, फिलीपींस, जापान और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून और ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर यानी भारत के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है। समुद्रों के लिहाज से देखें तो अटलांटिक और उत्तर पश्चिम महासागरों में बनने वाले साइक्लोन हरिकेन कहलाते हैं। उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान टाइफून कहलाते हैं। वहीं दक्षिण प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। इसी वजह से भारत के आसपास के इलाकों में आने वाले समुद्री तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। वहीं, टॉरनेडो भी तेज तूफान होते हैं, लेकिन ये साइक्लोन नहीं होते, क्योंकि ये समुद्र के बजाय ज्यादातर धरती पर ही बनते हैं। सबसे ज्यादा टॉरनेडो अमेरिका में आते हैं।

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