अमेरिका के एक कोर्ट ने मंगलवार को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंतसिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में भारत सरकार को समन भेजा। इस समन में भारत के NSA अजीत डोभाल, पूर्व RAW चीफ सामंत गोयल, RAW एजेंट विक्रम यादव और बिजनेसमेन निखिल गुप्ता का नाम भी शामिल है। अमेरिकी कोर्ट ने 21 दिन में इस समन का जवाब देने के लिए कहा है। पन्नू ने अमेरिका की एक जिला अदालत अपनी हत्या की साजिश को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। पिछले साल अमेरिका ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। समन के जवाब में गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये समन पूरी तरह से गलत है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि जब ये मामला हमारे सामने आया तो हमने एक्शन लिया। इस मामले में उच्च स्तरीय कमेटी भी बनाई गई है। जून में अमेरिकी सरकार ने मांगा था जवाब
अमेरिका ने 26 जून को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले में भारत से जवाबदेही मांगी थी। अमेरिकी सरकार के उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा था कि हमने सीधे भारत सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है। साथ ही जांच समिति से भी रिपोर्ट मांगी थी। दरअसल, पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, यह प्लानिंग PM मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। हालांकि, इसकी जानकारी 22 नवंबर को दी गई थी। पन्नू को मारने के लिए दिए गए थे 83 लाख रुपए
चार्जशीट में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। इसमें लिखा है- भारत के एक पूर्व CRPF अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था। निखिल ने एक व्यक्ति के साथ काम के बदले 83 लाख रुपए देने की डील की थी। इसके बाद इस साल अप्रैल में अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पन्नू की हत्या की साजिश के पीछे RAW का हाथ था। रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू की हत्या की पूरी प्लानिंग RAW के एक सीनियर अधिकारी विक्रम यादव ने की थी। उसने एक हिट टीम को काम पर रखा था। यादव ने पन्नू के बारे में भारतीय एजेंट निखिल गुप्ता को जानकारी भेजी, जिसमें उसके न्यूयॉर्क में होने के बारे में पता चला था। इसके बाद निखिल गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए एक एजेंट से संपर्क किया। हालांकि प्लानिंग सफल होने से पहले ही निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था। पन्नू मामले में कब, क्या हुआ, चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन… कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू? ये मामला सरकारों के बीच कैसे आया?
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार मामला एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश का था। हत्या की साजिश का आरोप भारत में बैठे अधिकारी पर था। इस कारण अमेरिकी अफसरों ने ये बात अपने आला अफसरों को बताई। भारत के सामने पहली बार ये मामला 5-6 अगस्त को सऊदी अरब के जेद्दा में उठा था। जब रूस-यूक्रेन मामले बैठक हो रही थी। उस समय अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल से अलग से इस हत्या की साजिश पर बात की थी। डोभाल ने सुलिवन से दो टूक कहा था कि ऐसे बात नहीं बनेगी। भारत इस पर तभी जांच कर सकता है, जब कोई सबूत और डिटेल हो। अगर ये सब नहीं है तो ये सब बकवास है।
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