इंटरआर्च बिल्डिंग प्रोडक्ट्स लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के लिए बोली लगाने का आज आखिरी दिन है। दो दिन में इंटरआर्च बिल्डिंग प्रोडक्ट्स का IPO टोटल 10.96 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। रिटेल कैटेगरी में IPO 7.59 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 1.41 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 31.51 गुना सब्सक्राइब हुआ। 26 अगस्त को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर लिस्ट होंगे। इंटरआर्च बिल्डिंग प्रोडक्ट्स इस इश्यू के जरिए टोटल ₹600.29 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹200 करोड़ के 2,222,222 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। वहीं, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹400.29 करोड़ के 4,447,630 शेयर बेच रहे हैं। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
इंटरआर्च बिल्डिंग प्रोडक्ट्स ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹850-₹900 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 16 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड ₹900 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,400 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 208 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹187,200 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। इंटरआर्च बिल्डिंग प्रोडक्ट्स लिमिटेड की स्थापना 1983 में हुई थी
इंटरआर्च बिल्डिंग प्रोडक्ट्स लिमिटेड की स्थापना 1983 में हुई थी। यह भारत में टर्नकी प्री-इंजीनियर्ड स्टील कंस्ट्रक्शन सॉल्यूशन कराती है। कंपनी प्री-इंजीनियर्ड स्टील बिल्डिंग (PEB) के कंस्ट्रक्शन और इंस्टॉलेशन के लिए डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और ऑन साइट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की सर्विस प्रोवाइड करती है। कंपनी की चार मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं, जिनमें से दो तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में और दो उत्तराखंड के पंतनगर व किच्छा में हैं। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।
Posted inBusiness