इंडिगो को दूसरी तिमाही में ₹987 करोड़ का नुकसान:पिछले साल जुलाई-सितंबर में ₹189 करोड़ मुनाफा था, रेवेन्यू 13.55% बढ़ा; एक साल में 80% चढ़ा शेयर

भारत में लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 986.77 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही (Q2FY24) में कंपनी को 188.9 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ था। जुलाई-सितंबर में इंडिगो के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 13.55% बढ़कर 16,969.6 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की दूसरी तिमाही में कंपनी रेवेन्यू 14,943.9 करोड़ रुपए रहा था। तिमाही आधार पर इंडिगो का रेवेन्यू 13% कम हुआ
पिछली तिमाही यानी अप्रैल-जून में कंपनी ने ऑपरेशन से 19,571 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। मौजूदा तिमाही (Q2) में इसमें 13.29% की गिरावट हुई है। वहीं, पिछली तिमाही में कंपनी को 2,729 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ था। दूसरी तिमाही में लॉस के तीन कारण दूसरी तिमाही में यात्रियों की संख्या बढ़ने से बढ़ा रेवेन्यू इस साल 46.84% चढ़ा इंडिगो का शेयर
जुलाई-सितंबर के नतीजों के पहले इंटरग्लोब एविएशन का शेयर आज यानी शुक्रवार (25 अक्टूबर) 3.23% गिरावट के साथ 4,373.70 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर 5 दिन में 6.08% और एक महीने में 8.54% गिरा है। वहीं, इंडिगो का शेयर 6 महीने में 14.72%, एक साल में 80.07% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 46.84% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 1.69 लाख करोड़ रुपए है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है इंडिगो
इंडिगो बाजार हिस्सेदारी में भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इसकी स्थापना 2006 में राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने की थी। ये रोजाना 2000 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती है। 80 से ज्यादा डोमेस्टिक डेस्टिनेशन और 30 से ज्यादा इंटरनेशनल डेस्टिनेशन पर इंडिगो की फ्लाइट चलती है। ये 110+ डेस्टिनेशन को जोड़ती है। एयरलाइन की 320 से ज्यादा एयरक्राफ्ट की फ्लीट है। इसके 50 करोड़ से ज्यादा कस्टमर है।

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