ईरान में हिजाब ना पहनने पर महिला को गोली मारी:पुलिस ने फायर किया था, फेफड़े में घुसी गोली, महिला लकवाग्रस्त हुई

ईरान में हिजाब ना पहनने के आरोप में महिला को गोली मारने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 जुलाई को पुलिस ने हिजाब ना पहनने के आरोप में महिला की कार को रोकने का प्रयास किया। जब वह गाड़ी चलाकर भागने की कोशिश करने लगी तो पुलिस ने महिला पर गोली चला दी। महिला का नाम अरेजू बद्री है, जिसकी उम्र 31 साल है। वह 2 बच्चों की मां है। गोली लगने से घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल वह लकवाग्रस्त है। दूसरी तरफ, पुलिस ने बताया कि गश्त कर रहे अधिकारियों ने महिला को गाड़ी को रोकने का आदेश दिया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। हालांकि पुलिस ने अपने बयान में हिजाब ना पहनने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है। ईरान में सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के कार्यकारी निदेशक हादी घामी ने घटना पर कहा कि,”ईरान में हिजाब ना पहनने को सबसे गंभीर अपराध बना दिया है। जहां पुलिस को गोली मारकर हत्या करने की अनुमति है। यह वास्तव में महिलाओं के खिलाफ युद्ध जैसा है।” NGO ने कहा- अरेजू की गाडी पर अलर्ट लगाया था
ईरान के एक NGO ने दावा किया है कि घटना से पहले भी महिला को बिना हिजाब के देखा गया होगा। इसके बाद उसकी गाड़ी पर अलर्ट लगा दिया गया था। अधिकारियों ने पहले अरेजू की कार के टायरों पर गोली चलाई। अरेजू गाड़ी चला रही थी, तो पुलिस ने कार पर फायर किया। जिससे गोली उसके फेफड़े में जा लगी और उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट पहुंच गई। NGO कार्यकर्ताओं का कहना है पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने अरेजू के तेहरान के पुलिस अस्पताल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा हुआ है। उसके परिवार के लोगों को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही उन पर चुप रहने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। महसा अमिनी की मौत के बाद, महिला अधिकारों के लिए आंदोलन हुए थे
दो साल पहले 16 सितंबर को 22 वर्षीय महसा अमिनी को हिजाब ना पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जहां पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद महिला अधिकारों और देश में धर्मतंत्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जिसमें 500 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 22,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने हिजाब कानून को आसान बनाने का वादा किया है। लेकिन अरेजू पर चली गोली और हाल ही में तेहरान की सड़कों पर लड़की के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो बताता है कि हिजाब ना पहनने पर महिलाओं के लिए अभी भी खतरे है। इससे पहले, जनवरी में एक महिला को हिजाब ना पहनने पर 74 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई थी। पुलिस ने राजधानी तेहरान में 33 साल की रोया हेशमती पर बिना हिजाब पहने घूमने का आरोप लगाया था। जिसके बाद शरिया कानून के तहत रोया को 74 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई। साथ ही उन पर लगभग 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। एक साल से, ईरान में मॉरैलिटी पुलिस एक्टिव है। जो हिजाब नहीं पहनने पर महिलाओं पर एक्शन ले रही है। पिछले कुछ समय में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे ही एक मामले में मॉरैलिटी पुलिस ने हिजाब नहीं पहनने पर 16 साल की अर्मिता गेरावंड की पिटाई की। इसके बाद वह कोमा में चली गई। यह खबर भी पढ़े… ईरान में महिलाओं को सजा देने CCTV कैमरे लग रहे:सार्वजनिक जगहों पर बिना हिजाब दिखीं तो वॉर्निंग मैसेज आएगा, सजा होगी ईरान में हिजाब के मसले पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इस अनिवार्य ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को पकड़ने के लिए ईरानी अधिकारी सार्वजनिक जगहों पर CCTV कैमरे लगा रहे हैं। इसके जरिए हिजाब नहीं पहनने वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें सजा दी जाएगी। हालांकि किस तरह की सजा दी जाएगी, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। पुलिस ने कहा कि उनकी पहचान होने के बाद नियम का उल्लंघन करने वालों को चेतावनी दी जाएगी। इस कदम का मकसद हिजाब कानून के खिलाफ हो रहे विरोध को रोकना है। 16 सितंबर 2022 को महसा अमिनी की मौत के बाद से ही ईरान में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। पूरी खबर पढ़े…

Credit: Dainik Bhaskar

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *