उमर अब्दुल्ला गांदरबल से चुनाव लड़ेंगे:बोले- PDP ने हमारे घोषणापत्र की नकल की; हमारा एजेंडा एक, महबूबा अपने कैंडिडेट न उतारें

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला गांदरबल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने नुनेर की एक चुनावी रैली में इसकी घोषणा की। उमर अब्दुल्ला भी यहां मौजूद थे। हालांकि जुलाई 2020 में उमर ने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता, मैं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। 2014 के विधानसभा चुनाव में उमर बीरवाह सीट से लड़े थे। उन्होंने कांग्रेस कैंडिडेट नाजिर अहमद खान को 910 वोटों से हराया था। अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने हमारे घोषणा पत्र की नकल की है। उन्होंने करीब वो सभी वादे किए जो हमने पहले किए। कश्मीर की बेहतरी के लिए NC-कांग्रेस कैंडिडेट्स के खिलाफ PDP अपना कैंडिडेट न उतारे क्योंकि उनका एजेंडा एक ही है। PDP सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने 24 अगस्त को पार्टी का घोषणापत्र जारी किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन सीट बंटवारे पर हो रहा है, न कि एजेंडे पर। अगर दोनों दल हमारी पार्टी का एजेंडा मानेंगे तो हम गठबंधन को तैयार हैं। हमारा सिर्फ एक ही एजेंडा है- जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान। NC-कांग्रेस की पहली लिस्ट आज संभावित
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट आज जारी हो सकती है। गठबंधन के तहत पहले फेज में नेशनल कॉन्फ्रेंस 15 और कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। NC और कांग्रेस ने 22 अगस्त को गठबंधन का ऐलान किया। दोनों पार्टियों के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इस वजह से लिस्ट में देरी हो रही है। बैन जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे
जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता 7 सीटों पर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। गुलाम कादिर वानी के नेतृत्व वाली पार्टी को 2019 में केंद्र सरकार ने UAPA एक्ट 1967 के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर बैन कर दिया था। इस साल फरवरी में प्रतिबंध को 5 साल बढ़ाया गया है। जमात पार्टी कुलगाम, देवसर, अनंतनाग-बिजबेहरा, शोपियां-ज़ैनपोरा, पुलवामा, राजपोरा और त्राल सीटों पर अपने नेताओं को उतारेगी। NC-कांग्रेस गठबंधन के बीच 3 सीटों पर पेंच फंसा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 22 अगस्त को सभी 90 सीटों पर गठबंधन का ऐलान किया। सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 38 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। दोनों पार्टियों के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इन सीटों में नगरोटा, विजयपुर और हब्बा कदल की सीटें शामिल हैं। इसको लेकर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ चर्चा चल रही है। सीटों बंटवारे पर NC उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा- ज्यादातर सीटों पर गठबंधन फाइनल हो चुका है, जबकि कुछ सीटों पर सहमति बननी बाकी है। दोनों ही पार्टियां कुछ सीटों पर अड़ी हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर आज अंतिम दौर की बैठक होगी। जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में वोटिंग होगी
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में होंगे। पहले फेज की 24 सीटों के लिए अब तक 14 कैंडिडेट्स ने नॉमिनेशन किया है। पहले फेज के लिए नॉमिनेशन की आखिरी डेट 27 अगस्त है। इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। रिजल्ट 4 अक्टूबर को आएगा। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद 83 से 90 विधानसभा सीटें हुई
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने 5 मई 2022 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें और 5 संसदीय सीटें यानी लोकसभा सीटें होंगी। डिवीजन की नजर से देखें तो जम्मू डिवीजन में 6 सीटें बढ़ाकर 43 विधानसभा सीटें की गई हैं और कश्मीर घाटी में 1 सीट जोड़कर 47 सीटें बनाईं गईं। जम्मू डिवीजन के सांबा जिले में रामगढ़, कठुआ में जसरोता, राजौरी में थन्नामंडी, किश्तवाड़ में पड्डेर-नागसेनी, डोडा में डोडा पश्चिम और उधमपुर में रामनगर सीट जोड़ी गईं। वहीं, कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा जिले में त्रेहगाम नई सीट शामिल की गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें बनाईं गईं, जो बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग-राजौरी, उधमपुर और जम्मू हैं। 2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ये खबरें भी पढ़ें… महबूबा ने PDP का घोषणा पत्र जारी किया, बोलीं- कांग्रेस हमारा एजेंडा माने तो गठबंधन को तैयार जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (24 अगस्त) को पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के स्पेशल स्टेटस से जुड़े आर्टिकल 370 और 35A की वापसी के प्रयास और पाकिस्तान से ट्रेड दोबारा शुरू करने का वादा किया। पूरी खबर पढ़ें… नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मेनिफेस्टो जारी किया, उमर अब्दुल्ला बोले- सरकार बनी तो आर्टिकल 370 बहाल करेंगे जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सोमवार को पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हम जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A बहाल करेंगे। पूरी खबर पढ़ें…

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