नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार रात करीब 8 बजे श्रीनगर में राजभवन जाकर एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में I.N.D.I.A ब्लॉक की सरकार बनाने का दावा पेश किया। एलजी से मुलाकात के बाद उमर ने कहा- मैंने एलजी से मुलाकात की और कांग्रेस, CPI (M), AAP और निर्दलीयों से मिले समर्थन पत्र सौंपे। मैंने उनसे शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करने का अनुरोध किया ताकि सरकार काम करना शुरू कर सके। उन्होंने कहा- यह एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि यहां केंद्र का शासन है। एलजी पहले राष्ट्रपति भवन और फिर गृह मंत्रालय को दस्तावेज भेजेंगे। हमें बताया गया है कि इसमें 2-3 दिन लगेंगे। इसलिए अगर यह मंगलवार से पहले होता है, तो हम बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह करेंगे, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि इस सरकार में जम्मू की अनदेखी नहीं की जाएगी। 10 अक्टूबर को विधायक दल का नेता चुने गए थे उमर 10 अक्टूबर को एनसी के विधायक दल की बैठक हुई थी। मीटिंग में नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना गया था। मीटिंग में तय किया गया था कि राज्य सरकार में कोई डिप्टी CM नहीं होगा नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी कांग्रेस को डिप्टी स्पीकर का पद मिल सकता है। कांग्रेस की ओर से डूरू सीट से विधायक जीए मीर या प्रदेश अध्यक्ष और सेंट्रल शाल्टेंग के विधायक तारिक हामिद कर्रा में किसी एक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सकता है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में I.N.D.I.A ब्लॉक ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की है। गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे ज्यादा 42, कांग्रेस को 6 और CPI(M) को एक सीट मिली। बहुमत का आंकड़ा 46 है। 7 निर्दलीय में से 4 ने नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन देने का ऐलान किया। ये चार निर्दलीय- इंदरवल से प्यारे लाल शर्मा, छम्ब से सतीश शर्मा, सूरनकोट से मोहम्मद अकरम और बनी सीट से डॉ रामेश्वर सिंह हैं। AAP को भी एक सीट मिली है, उसका भी NC को समर्थन है। पूरी खबर पढ़ें… इंजीनियर राशिद ने कहा था- स्टेटहुड मिलने तक I.N.D.I.A-PDP सरकार न बनाएं
7 अक्टूबर को अवामी इत्तेहाद पार्टी के चीफ और बारामूला सांसद राशिद इंजीनियर ने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता, तब तक I.N.D.I.A ब्लॉक, PDP और अन्य पार्टियां राज्य में सरकार नहीं बनाएं> वे एकजुट बनीं रहें। उनके बयान पर उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि राशिद बीजेपी के हाथों में खेल रहे हैं। उनके सुझाव से बीजेपी को फायदा मिलेगा। ये व्यक्ति (राशिद) 24 घंटे के लिए दिल्ली जाता है और वापस आकर सीधे भाजपा के हाथों में खेल जाता है। भाजपा अगर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो वो यहां केंद्रीय शासन को आगे बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं चाहेगी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस-NC के गठबंधन में PDP का समर्थन लिए जाने की बात समय से पहले की अटकलें हैं। PDP ने समर्थन नहीं बढ़ाया है, समर्थन की पेशकश नहीं की है। पूरी खबर पढ़ें… भाजपा ने 29 सीटें जीतीं, PDP को सिर्फ 3 सीटें मिलीं
8 अक्टूबर को आए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव रिजल्ट में भाजपा ने 29 सीटें जीती। पार्टी को पिछले चुनाव के मुकाबले 4 सीटों का फायदा हुआ है। हालांकि जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना नौशेरा सीट से NC कैंडिडेट से करीब 8 हजार वोटों से हार गए। उन्होंने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेजा। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP ने 3 सीटें जीती हैं। पिछले चुनाव में पार्टी को 28 सीटें मिली थीं। पहली बार चुनाव लड़ रहीं महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा बिजबेहरा सीट से करीब 9 हजार से ज्यादा वोटों से हारीं। जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी ने पहली बार जीत दर्ज की। डोडा सीट से मेहराज मलिक ने भाजपा के गजय सिंह राणा को 4500 से ज्यादा वोटों से हराया। वहीं पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को एक सीट पर जीत मिली। संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु के भाई ऐजाज गुरु को सोपोर सीट पर 129 वोट मिले। PDP नेता ने कहा था- हम जानते हैं सरकार बनाने में हमारी अहम भूमिका
लाल चौक विधानसभा सीट से पीडीपी उम्मीदवार जुहैब यूसुफ मीर ने 6 अक्टूबर को कहा था कि हमारी पार्टी जम्मू-कश्मीर में बनने वाली सेक्युलर सरकार का अहम हिस्सा बनेगी। हमने पहले भी कहा था कश्मीर की पहचान बचाने के लिए हम कोई भी कदम उठाने को तैयार हैं। ये बेहद जरूरी है कि हम एक सेक्युलर सरकार बनाएं जो भाजपा के खिलाफ हो, उसके साथ नहीं। जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में इलेक्शन हुआ था
जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 3 फेज में 63.88% वोटिंग हुई थी। 10 साल पहले 2014 में हुए चुनाव में 65% वोटिंग हुई थी। इस बार 1.12% कम वोटिंग हुई थी। 5 अक्टूबर को आए एग्जिट पोल में 5 सर्वे ने NC-कांग्रेस सरकार का अनुमान जताया था, जबकि 5 ने हंग असेंबली का दावा किया था। जम्मू-कश्मीर के 2 रीजन- एक में भाजपा, दूसरे में NC पड़ी भारी जम्मू रीजन: 43 सीटों में 29 भाजपा जीती, कश्मीर में खाता नहीं खुला
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में से 43 जम्मू और 47 कश्मीर में हैं। भाजपा ने जम्मू रीजन की सभी 43 सीटों पर चुनाव लड़ा और 29 सीटें जीतीं। वहीं कश्मीर रीजन की 47 सीटों पर भाजपा ने 20 कैंडिडेट उतारे थे। यहां भाजपा का खाता नहीं खुल पाया। गुरेज सीट से एक उम्मीद थी। यहां से फकीर मोहम्मद खान बीजेपी के कैंडिडेट थे। फकीर मोहम्मद 28 साल पहले 1996 में गुरेज से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। फिर कांग्रेस में गए, हार गए। इस बार बीजेपी से भी उन्हें हार मिली। कश्मीर रीजन: NC-कांग्रेस अलायंस: कश्मीर में मजबूत
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन कश्मीर में पहले से मजबूत था। नेशनल कांफ्रेंस की 42 सीटों में से करीब 35 से ज्यादा सीटें कश्मीर रीजन से मिली हैं। वहीं कांग्रेस ने भी कश्मीर संभाग से 6 सीटें जीतीं। 2014 में दोनों पार्टियों ने 27 सीटें जीती थीं। इस बार गठबंधन का आंकड़ा बहुमत के पार हो गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस चुनाव में 51 और कांग्रेस ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 7 सीटों पर फ्रेंडली फाइट, जहां NC-कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू-कश्मीर चुनाव लड़ा था। हालांकि 7 सीटें ऐसी थीं, जहां दोनों पार्टियों के बीच फ्रेंडली फाइट थी। दोनों पार्टियों ने अपने-अपने कैंडिडेट उतारे। ये सात सीटें- बनिहाल, डोडा, भद्रवाह, नगरोटा, सोपोर, बारामूला और देवसर थीं। इन सात सीटों में से एक NC को 4, भाजपा को 2, AAP को 1 सीट मिली। कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। ……………………………………………………………………………. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… जम्मू-कश्मीर के 84% विधायक करोड़पति, 9% बढ़े:कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ₹148 करोड़ के साथ सबसे अमीर, AAP विधायक के पास ₹20 हजार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने विधायकों की संपत्ति को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार चुनाव में जीते दर्ज किए 90 में से 84% विधायक यानी 76 विधायकों ने अपनी संपत्ति 1 करोड़ रुपए या इससे ज्यादा घोषित की है। पूरी खबर पढ़ें… कश्मीर में BJP से नाराजगी NC के वोट में बदली:एक्सपर्ट बोले- जम्मू में हिंदू वोट का पोलराइजेशन, गुस्से के बावजूद BJP को वोट दिया ‘विधानसभा चुनाव के नतीजे क्लियर मैसेज हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने आर्टिकल-370 खत्म करने के दिल्ली के फैसले को मंजूर नहीं किया है। अब जम्मू-कश्मीर को LG और उनके 4 सलाहकार नहीं, बल्कि विधानसभा के 90 मेंबर चलाएंगे और उमर अब्दुल्ला इस विधानसभा के मुखिया होंगे।’ नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने साफ कर दिया है कि आर्टिकल- 370 जम्मू-कश्मीर में मुद्दा था और आगे भी रहेगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में 42 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। सहयोगी पार्टी कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं। इस अलायंस के पास सरकार बनाने लायक बहुमत है। पूरी खबर पढ़ें…
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