ओला इलेक्ट्रिक के शेयर ने 7 कारोबारी दिनों में निवेशकों के पैसों को दोगुना कर दिया। कंपनी का शेयर 9 अगस्त को बाजार में 76 रुपए पर लिस्ट हुआ था। आज यानी, मंगलवार 20 अगस्त को ये 157.53 रुपए के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया। हालांकि, 3.1 करोड़ शेयरों की ब्लॉक डील के बाद ओला के शेयरों में 6% से ज्यादा की गिरावट रही। ये 9 रुपए (6.15%) गिरकर 137 रुपए पर बंद हुआ। इस ट्रांजैक्शन की वैल्यू ₹468.3 करोड़ रुपए है और शेयरों की डील ₹146 प्रति शेयर के ऐवरेज प्राइस पर हुई है। कंपनी के फाउंडर भाविश अग्रवाल के पास 30.02% स्टेक
भाविश अग्रवाल के पास कंपनी के 1,32,39,60,029 शेयर है। 157.53 रुपए के हिसाब से इसकी वैल्यू 20.85 हजार करोड़ रुपए होती है। IPO के समय ऑफर फॉर सेल के जरिए अग्रवाल ने 76 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 37,915,211 शेयर बेचे थे। ओला ने जून तिमाही में 49% इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बचे
हाल ही में ब्रोकरेज फर्म HSBC ने बाय रेटिंग के साथ 140 रुपए का टारेगट दिया था। HSBC ने कहा था- ओला ने जून तिमाही में न केवल 49% इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचे, बल्कि बैटरी सहित अधिकांश आवश्यक ईवी पार्ट्स भारत में बनाने का भी लक्ष्य रखा है। हालांकि, HSBC देश में स्लो ईवी पेनेट्रेशन, इंटेंस कॉम्पिटिशन और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए रेगुलेटरी सपोर्ट के लिए अनिश्चित दृष्टिकोण को ओला के लिए चैलेंज बताया है। पहली तिमाही में ओला को ₹347 करोड़ का घाटा
ओला इलेक्ट्रिक ने कुछ दिन पहले अपने पहली तिमाही के नतीजे जारी किए थे। ओला को अप्रैल-जून तिमाही में 347 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 267 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। यानी, घाटा 30% बढ़ा है। कंपनी का रेवेन्यू 1644 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 32.26% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1243 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। 2017 में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की हुई थी स्थापना
बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की स्थापना 2017 में हुई थी। कंपनी मुख्य रूप से ओला फ्यूचर फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी पैक, मोटर्स और व्हीकल फ्रेम बनाती है। 31 मार्च 2024 तक कंपनी में 959 एम्प्लॉई (907 स्थायी और 52 फ्रीलांसर) थे।
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