कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि उन्होंने लाओस में ईस्ट एशिया समिट के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। ट्रूडो ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान जरूरी मुद्दों पर काम करने को लेकर बातचीत हुई। हालांकि इंडियन मीडिया हाउस NDTV के मुताबिक विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस मुलाकात का खंडन किया है। दोनों नेताओं के बीच इस तरह की कोई मुलाकात नहीं हुई है। दरअसल पिछले साल ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। लाओस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ट्रूडो ने कहा कि “मैंने इस बात पर जोर दिया कि हमें कुछ काम करना है।” ट्रूडो ने बातचीत के बारे में अधिक जानकारी देने से मना कर दिया। कनाडाई विदेश मंत्री बोली- भारत के संबंध तनावपूर्ण कल ही कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के साथ कनाडा के संबंधों को ‘तनावपूर्ण’ और ‘बहुत कठिन’ बताया था। उन्होंने कहा कि कनाडा में निज्जर जैसी हत्याओं का खतरा अभी भी बना हुआ है। कनाडाई न्यूज CBC के मुताबिक मेलोनी ने कहा कि सरकार निज्जर के मौत की जांच में भारत से मदद चाह रही है, ताकि घटना में जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाई जा सके। लेकिन अभी तक भारत से मदद नहीं मिली है। कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा कि वह कनाडाई लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। निज्जर हत्याकांड में अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार मामले में एक्शन लेते हुए कनाडा की ट्रूडो सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इस साल अप्रैल में कनाडा ने निज्जर हत्याकांड मामले में 4 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था। एडमॉन्टन में रहने वाले 22 साल के करण ब्रार, 22 साल के कमलप्रीत सिंह और 28 साल के करणप्रीत सिंह पर फर्स्ट-डिग्री हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप में लगे थे। इसके बाद एक और भारतीय अमनदीप सिंह को कनाडाई अधिकारियों ने कुछ दिन बाद गिरफ्तार कर लिया था। भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को निकाला था
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं। कनाडा ने कहा था कि वह इस हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत देगा, जो उसने अब तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अलग-अलग मंचों से कई बार ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं। कौन था हरदीप सिंह निज्जर, जिस पर पूरा बवाल मचा ———————————————– कनाडा के साथ विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर के लिए मौन रखा गया:एक साल पहले हत्या हुई थी; भारत बोला- कनिष्क प्लेन पर आतंकी हमले की बरसी मनाएंगे कनाडा की संसद में 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी गई। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया। कनाडाई संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…
Posted inInternational