करिश्मा कपूर, राज कपूर की सबसे बड़ी पोती हैं। जब इनका जन्म हुआ था, तब राज कपूर ने एक शर्त रखी थी। उनका कहना था कि वो हॉस्पिटल जाकर पोती को तभी देखेंगे, जब उसकी आंखें नीली होंगी। इस बात का जिक्र करिश्मा की मां बबीता ने राज कपूर की बायोग्राफी में किया था। राज कपूर की बेटी रितु नंदा द्वारा लिखी गई बायोग्राफी द वन एंड ओनली शोमैन में बबीता कपूर ने कहा था, ‘मुझे याद है जिस दिन लोलो (करिश्मा) का जन्म हुआ था। पूरा परिवार ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में मेरे साथ था, लेकिन मेरे ससुर नहीं थे। उनका कहना था कि वे अस्पताल तभी आएंगे जब बच्चे की आंखें नीली होंगी। भगवान का शुक्र है कि लोलो की आंखें मेरे ससुर की तरह गहरी नीली थीं।’ इसी किताब में करिश्मा ने भी दादा के साथ अपनी बॉन्डिंग पर बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘एक टीनेजर के रूप में, मैंने हमेशा कहा कि मैं फिल्मों में काम करना चाहती हूं। मैं एक्टर बनना चाहती थीं। मुझे याद है कि दादा जी कहा करते थे- एक्टर बनना कोई आसान काम नहीं है। अगर तुम एक्टर बनना चाहती हो, तो कांटों पर चलो और मिट्टी पर काम करो ताकि अच्छी एक्टर बन सको। एक्टर को हमेशा बेस्ट बनने का लक्ष्य रखना चाहिए।’ राज कपूर ने कहा था- बबीता एक दिन तुम बड़ी स्टार बनोगी बबीता ने बायोग्राफी में इस बात का भी खुलासा किया था कि उनके पिता हरि शिवदासानी और राज कपूर साथ में टेनिस खेला करते थे। जब टेनिस खेलने के बाद राज कपूर, बबीता के घर जाते थे, तो वो एक्टर से हीरोइन बनने की बात कहती थीं। बबीता ने कहा था, ‘मुझे याद है कि बचपन में मैं उनकी गोद में बैठती थी और वह मुझसे पूछते थे कि मैं बड़ी होकर क्या बनना चाहती हूं? मैं कहती थी कि मैं एक एक्टर बनना चाहती हूं और वह हमेशा मुझे प्रोत्साहित करते थे और कहते थे कि एक दिन मैं जरूर बड़ी स्टार बनूंगी।’
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