कोलकाता में ब्लास्ट, एक घायल:कूड़ा बीन रहा था, उंगलियां अलग हुईं; भाजपा बोली- NIA जांच हो, ममता बनर्जी इस्तीफा दें

कोलकाता में शनिवार (14 सितंबर) दोपहर 1:45 बजे ब्लोचमैन स्ट्रीट और एसएन बनर्जी रोड के बीच ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट में एक घायल है। उसकी पहचान 54 साल के बीपा दास के रूप में हुई, जो कूड़ा बीनता है। उसने जैसे ही कूड़े से एक बैग उठाया उसमें धमाका हो गया। विस्फोट के चलते उसके हाथ में गंभीर चोट लगी। कई उंगलियां भी अलग हो गईं। फिलहाल मौके पर बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) पहुंचा है। टीम ने वहां रखे एक बैग की जांच-पड़ताल की। फिलहाल ट्रैफिक को फिर से चालू कर दिया गया। चश्मदीद बोला- धमाके की आवाज बहुत तेज थी
घटनास्थल पर मौजूद एक व्यक्ति ने कहा- जब विस्फोट हुआ, तब हम पास ही खड़े थे। हम तुरंत मौके पर पहुंचे और देखा कि एक कूड़ा बीनने वाला व्यक्ति जमीन पर पड़ा हुआ था। उस व्यक्ति की दाहिनी कलाई पर चोट लगी थी। विस्फोट की आवाज बहुत तेज थी। सुकांत मजूमदार बोले- ममता बनर्जी इस्तीफा दें
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा- विस्फोट बहुत चिंता का विषय है। इसकी जांच होनी चाहिए। NIA को इसकी जांच करनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि पुलिस में इस घटना की जांच करने के लिए उस तरह का पेशेवर रवैया है। यह ममता बनर्जी की विफलता को भी दर्शाता है। अगर राज्य में कानून-व्यवस्था की यही स्थिति है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इसीलिए भाजपा उनसे इस्तीफा मांग रही है। सुकांत मजूमदार ने गृह मंत्रालय को भी लेटर लिखकर NIA जांच की मांग की है। कोलकाता में आज प्रदर्शनकारियों से मिलीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से खुद मिलने पहुंचीं। डॉक्टर्स 10 सितंबर से यहां प्रदर्शन पर बैठे हैं। ममता ने डॉक्टरों से कहा, ‘मेरा पद नहीं, लोगों का पद बड़ा है। मैं मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आपकी दीदी बनकर आपसे मिलने आई हूं।’ ममता ने कहा- आप काम पर लौटिए, मैं मांगों पर विचार करूंगी। CBI से कहूंगी कि दोषियों को फांसी दी जाए। मैं आपके प्रदर्शन को सलाम करती हूं। आपके साथ अन्याय नहीं होने दूंगी। ममता ने आगे कहा कि यह मेरी तरफ से बातचीत की आखिरी कोशिश है। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि मैं लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं करती। ममता ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को भंग करने की भी घोषणा की। ममता अब तक तीन बार डॉक्टरों से बैठकर बातचीत की पहल कर चुकी हैं। हालांकि, डॉक्टरों ने उनके तीनों प्रस्तावों को खारिज कर दिया। उनकी 5 मांगें हैं। उन्होंने सरकार से बातचीत के लिए 4 शर्तें भी रखी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स 36 दिनों से हड़ताल पर हैं। ममता ने 3 बार बुलाया; इंतजार करती रहीं, डॉक्टर्स नहीं पहुंचे… 10 सितंबर: डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला। ममता सरकार ने शाम 5 बजे डॉक्टरों को मीटिंग के लिए नबन्ना सचिवालय बुलाया। ममता लगभग एक घंटा 20 मिनट तक वहां बैठी रहीं। डॉक्टर्स नहीं आए। ​​​​डॉक्टर्स ने कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है। 11 सितंबर: जूनियर डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को मेल भेजकर मीटिंग का समय मांगा। सरकार ने शाम 6 बजे का समय दिया। हालांकि, डॉक्टर्स मीटिंग के लिए अपनी 4 शर्तों पर अड़े रहे।सरकार ने शर्तें मानने से इनकार कर दिया। 12 सितंबर: बंगाल सरकार ने डॉक्टरों को तीसरी बार बातचीत करने के लिए बुलाया। 32 डॉक्टर सचिवालय पहुंचे। सरकार ने सिर्फ 15 को बुलाया था। उन्हें बताया गया कि बैठक का लाइव टेलीकास्ट नहीं होगा। इससे डॉक्टर आक्रोशित हो गए और बैठक में नहीं गए। वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2 घंटे 10 मिनट इंतजार करती रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक हड़ताल खत्म करने को कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। हालांकि, डॉक्टरों ने कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे।

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