कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले पर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सहमति नहीं बन सकी। शनिवार (14 सितंबर) की शाम 6:30 बजे प्रदर्शनकारी डॉक्टर CM आवास पहुंचे। वे मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग पर अड़े रहे। इस पर CM ममता बनर्जी ने कहा कि चर्चा की बातें रिकॉर्ड की जाएंगी, लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जा सकती। क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। ममता ने यह भी कहा कि आपकी सभी मांगें मानना संभव नहीं है। सीएम और डॉक्टरों के बीच पांच घंटे में यह दूसरी मुलाकात थी। शनिवार को ही दोपहर 1:30 बजे के करीब ममता स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से खुद मिलने पहुंचीं थी। डॉक्टर्स 10 सितंबर से यहां प्रदर्शन पर बैठे हैं। ममता ने डॉक्टरों से कहा, ‘मेरा पद नहीं, लोगों का पद बड़ा है। मैं मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आपकी दीदी बनकर आपसे मिलने आई हूं।’ ममता ने कहा- आप काम पर लौटिए, मैं मांगों पर विचार करूंगी। CBI से कहूंगी कि दोषियों को फांसी दी जाए। मैं आपके प्रदर्शन को सलाम करती हूं। आपके साथ अन्याय नहीं होने दूंगी। ममता ने डॉक्टरों से कहा- आपके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी
ममता ने आगे कहा कि यह मेरी तरफ से बातचीत की आखिरी कोशिश है। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि मैं लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं करती। ममता ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को भंग करने की भी घोषणा की। ममता अब तक तीन बार डॉक्टरों से बैठकर बातचीत की पहल कर चुकी हैं। डॉक्टरों ने उनके तीनों प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उनकी 5 मांगें हैं। उन्होंने सरकार से बातचीत के लिए 4 शर्तें भी रखी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स 36 दिनों से हड़ताल पर हैं। ट्रेनी डॉक्टर की मां बोलीं- CM ममता डॉक्टर्स की मांगों को मानें
ट्रेनी डॉक्टर की मां ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री और आंदोलनकारी डॉक्टरों के बीच बातचीत से नतीजे निकलेंगे। उन्होंने कहा, केवल यह कहने के बजाय कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे दंडित किया जाएगा, सिर्फ यह कहने से बात नहीं बनेगी। ममता को डॉक्टरों की मांगों को पूरा करना होगा। ममता ने पहले 3 बार बुलाया था; इंतजार करती रहीं, डॉक्टर्स नहीं पहुंचे… 10 सितंबर: डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला। ममता सरकार ने शाम 5 बजे डॉक्टरों को मीटिंग के लिए नबन्ना सचिवालय बुलाया। ममता लगभग एक घंटा 20 मिनट तक वहां बैठी रहीं। डॉक्टर्स नहीं आए। डॉक्टर्स ने कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है। 11 सितंबर: जूनियर डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को मेल भेजकर मीटिंग का समय मांगा। सरकार ने शाम 6 बजे का समय दिया। हालांकि, डॉक्टर्स मीटिंग के लिए अपनी 4 शर्तों पर अड़े रहे।सरकार ने शर्तें मानने से इनकार कर दिया। 12 सितंबर: बंगाल सरकार ने डॉक्टरों को तीसरी बार बातचीत करने के लिए बुलाया। 32 डॉक्टर सचिवालय पहुंचे। सरकार ने सिर्फ 15 को बुलाया था। उन्हें बताया गया कि बैठक का लाइव टेलीकास्ट नहीं होगा। इससे डॉक्टर आक्रोशित हो गए और बैठक में नहीं गए। वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2 घंटे 10 मिनट इंतजार करती रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक हड़ताल खत्म करने को कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। हालांकि, डॉक्टरों ने कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर क्लिनिक खोला; बारिश में भी नहीं हटे डॉक्टरों ने 13 सितंबर को स्वास्थ्य भवन के बाहर अभया क्लिनिक खोला और लोगों का इलाज शुरू किया। दिल्ली में रेप-मर्डर विक्टिम के बदले हुए नाम निर्भया की तर्ज पर कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर को अभया नाम दिया गया है। जूनियर डॉक्टर्स कल तेज बारिश के बावजूद स्वास्थ्य भवन के बाहर से नहीं हटे। आंदोलनकारियों में शामिल अनिकेत महतो ने कहा, ‘बारिश, गर्मी, भूकंप हमारे प्रदर्शन को तब तक नहीं रोक पाएंगे जब तक हमें अभया के लिए न्याय नहीं मिल जाता और हमारी अन्य मांगें पूरी नहीं हो जातीं।’ आंदोलनकारी डॉक्टर सौम्या चक्रवर्ती ने कहा, ‘अगर कोई सोच रहा है कि हम जिद्दी हैं तो यह बिल्कुल गलत है। हम डॉक्टर हैं, राजनेता नहीं। हम कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ हेल्थ सिस्टम को साफ करने की मांग कर रहे हैं।’ पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू को चिट्ठी लिखकर दखल देने की मांग
डॉक्टरों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मामले में दखल देने की मांग है। उन्होंने गुरुवार (12 सितंबर) की रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर भेजा। उन्होंने लिखा- आपका दखल हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। डॉक्टरों ने लिखा- देश के प्रमुख होने के नाते आपके सामने हम अपने मुद्दों को रख रहे हैं, ताकि हमारी बदकिस्मत साथी जो सबसे घृणित अपराध का शिकार हुई, उसे न्याय मिल सके। इस मुश्किल समय में आपका हस्तक्षेप हम सभी के लिए प्रकाश की किरण के रूप में काम करेगा, जो हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा।
Posted inNational