गेहूं पर MSP ₹150 बढ़ी, दाम ₹2,425 क्विंटल:सरसों-तिलहन में ₹300 का इजाफा; चना, मसूर, जौ और कुसुम में भी बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने बुधवार, 16 अक्टूबर को रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया। सबसे ज्यादा इजाफा सरसों-तिलहन में 300 रुपए किया गया। गेहूं में 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया। इस तरह गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपए क्विंटल हो गया है। जौ, चना, मसूर, कुसुम की MSP में भी बढ़ोतरी की गई है। ये फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। रबी फसल की बुआई लौटते मानसून (अक्टूबर-नवंबर) के समय की जाती है। इन फसलों की कटाई आमतौर पर गर्मी के मौसम में अप्रैल में होती है। ये फसलें बारिश से ज्यादा प्रभावित नहीं होतीं। रबी की प्रमुख फसलें गेहूं, चना, मटर, सरसों और जौ हैं। सबसे कम इजाफा जौ में हुआ क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइस?
न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है, जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे। सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है। MSP में 23 फसलें शामिल होती हैं: ये खबर भी पढ़ें केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में हो सकती है बढ़ोतरी:ये 50% से बढ़कर 53% हो सकता है केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) में जल्द ही बढ़ोतरी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज यानी 16 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार DA में बढ़ोतरी पर फैसला ले सकती है। सरकार 3% DA बढ़ा सकती है। अगर ऐसा होता है तो उनका महंगाई भत्ता 50% से बढ़कर 53% हो जाएगा। इसका फायदा करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को होगा। पूरी खबर पढ़ें

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