राजेश खन्ना को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का पहला सुपरस्टार कहा जाता है। राजेश खन्ना की बैक टु बैक 17 फिल्में हिट हुईं थीं, जिसके बाद लोग कहने लगे थे, ‘ऊपर आका और नीचे काका।’ हालांकि, बाद के सालों में राजेश खन्ना ने असफलता का स्वाद भी चखा, लेकिन वे इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं थे। 1990 में राजेश खन्ना ने अमिताभ बच्चन के साथ एक फिल्म मैगजीन को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में काका ने बताया था कि जब उनकी एक के बाद एक सात फिल्में फ्लॉप हुईं तो वे इस कदर टूट गए थे कि छत पर जाकर खूब रोए थे। राजेश खन्ना ने भगवान से कहा था- इतना इम्तिहान ना ले परवरदिगार
राजेश खन्ना ने इस इंटरव्यू में कहा था, ‘मुझे याद है सुबह के तीन बजे थे, मैं काफी नशे में था, मैंने पहली बार असफलता का स्वाद चखा था। एक के बाद एक मेरी सात फिल्में फ्लॉप हो चुकी थीं। उस रात बारिश हो रही थी, अंधेरा था और मैं अपने घर की छत पर अकेला था, मैं पूरी तरह से बेकाबू हो चुका था। मैं बहुत जोर से चिल्लाया- परवरदिगार, हम गरीबों का इतना सख्त इम्तिहान ना ले कि हम तेरे वजूद से इनकार कर दें।’ फिर अगले ही दिन ऑफर हुई एक फिल्म
राजेश खन्ना आगे बताते हैं कि उनकी आवाज सुनकर डिंपल और उनका स्टाफ दौड़ते हुए ऊपर आया उन्हें लगा कि कहीं मैं कोई गलत कदम ना उठा लूं। राजेश खन्ना ने कहा- ‘मेरे साथ यह सब कुछ इसलिए हो रहा था क्योंकि सफलता मेरे दिमाग में घर कर चुकी थी और मैं असफलता देखने के लिए तैयार नहीं था। मुझे याद है कि इस घटना के ठीक अगले ही दिन बालाजी, जो कि साउथ के एक बड़े प्रोड्यूसर थे, उन्होंने मुझे फिल्म अमर-दीप (1979) ऑफर की थी। यह फिल्म मेरे करियर को उबारने का दूसरा मौका थी’। 2012 में कैंसर से हुआ निधन
राजेश खन्ना को आराधना, बंधन, दो रास्ते, आनंद, हाथी मेरे साथी, बावर्ची जैसी चर्चित फिल्मों के लिए आज भी याद किया जाता है। राजेश खन्ना का कैंसर के चलते साल 2012 में निधन हो गया था।
Credit: Dainik Bhaskar