जरांगे ने फडणवीस को मराठा आरक्षण में रुकावट बताया:डिप्टी सीएम बोले- अगर सीएम शिंदे ऐसा कहते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा

महाराष्ट्र में मनोज जरांगे मराठा आरक्षण को लेकर मांग कर रहे हैं। जरांगे लगातार डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण देने में रुकावट डालने का आरोप लगा रहे हैं। इसपर फडणवीस ने सोमवार (19 अगस्त) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर सीएम एकनाथ शिंदे मुझे आरक्षण में बाधा मानते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। मराठा आरक्षण में रुकावट डालने के सवाल पर फडणवीस कहते हैं कि कोई उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री से बड़ा नहीं होता। हम दोनों लोग मिलकर काम करते हैं। जरांगे पाटिल को खुद शिंदे जी से मिलकर इस बारे में पूछना चाहिए। अगर सीएम एकनाथ शिंदे जी कहते हैं कि मैं आरक्षण में बाधा हूं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति छोड़ दूंगा। जानबूझकर इस तरह की कहानी गढ़ना गलत है। जरांगे ने कहा था- डिप्टी सीएम ने आरक्षण रोकने के लिए दबाव डाला
जरांगे ने पिछले साल जुलाई में जालना के अंतरवाली सरती में मराठा आरक्षण के लिए अनशन किया था। इस दौरान जरांगे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और उनके कैबिनेट सहयोगी छगन भुजबल पर आरक्षण रोकने का आरोप लगाया था। जरांगे ने कहा था कि दोनों ने मराठा आरक्षण मुद्दे के हल न करने के लिए सरकार पर दबाव डाला है। अनशन के दौरान कार्यकर्ताओं की भीड़ पर लाठीचार्ज करने पर भी जरांगे ने फडणवीस को जिम्मेदार बताया था। सर्वदलीय बैठक में फैसला हुआ था- मराठा आरक्षण मिलना चाहिए
महाराष्ट्र में CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। बैठक के बाद CM शिंदे ने कहा था- यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है। ओबीसी समुदाय मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ
मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा। फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना ​​है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।

Credit: Dainik Bhaskar

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