अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज के अगले हिस्से (बो) की रैलिंग टूट गई है। टाइटैनिक को देखने के लिए गए एक मिशन ने इस बात का पता लगाया है। बो की रैलिंग में से 15 फीट का हिस्सा टूटकर समुद्र तल में गिर गया है।
जहाज का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी RMS टाइटैनिक इंक ने बताया कि, पोर्ट साइड की रैलिंग में 4.6 मीटर यानी लगभगग 15 फीट का अंतर आ गया है। RMS टाइटैनिक के पास ही जहाज पर मौजूद सामान को बरामद करने का अधिकार है। जहाज और उसके आस-पास की जगह का 3D स्कैन करने पर पता चला कि ये हिस्सा समुद्र तल में गिर गया है। 29 जुलाई को टाइटैनिक की तरफ गए एक मिशन के बाद इसकी जानकारी मिली। 1912 में अटलांटिक में समा गया था टाइटैनिक
टाइटैनिक जहाज 1912 में एक आइसबर्ग (हिमखंड) से टकरा गया था। इसकी वजह से जहाज में पानी भरने लगा और धीरे-धीरे समुद्र की गहराई में समा गया। इस हादसे में लगभग 1500 लोग मारे गए थे। पानी में डूबे रहने के कारण की स्थिति लगातार खराब हो रही है। जहाज पर अधिकार रखने वाली कंपनी ने कहा कि टाइटैनिक की खराब होती हालात का रोका नहीं जा सकता है। ऐसे में हम कोशिश है कि हम ज्यादा से ज्यादा चीजों का डॉक्युमेंटेशन कर ले। कंपनी ने कहा कि रैलिंग के गिरने से हमारे मिशन को और ताकत मिलेगी। हम इसमें देर नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा कंपनी को जहाज पर मौजूद एक रोमन देवी की मूर्ति भी मिली है। इस मूर्ति की लंबाई 2 फीट है, जो पिछले कई दशकों से गायब थी। इसकी जानकारी कंपनी ने सोमवार को एक्स पर दी। टाइटैनिक मूवी का फैमस बो सीन
19 दिसंबर 1997 को आइकॉनिक फिल्म टाइटैनिक रिलीज हुई थी। 11 ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली ये फिल्म उस समय दुनिया में बनी सबसे महंगी फिल्म थी। फिल्म 1912 में RMS टाइटैनिक की साउथैम्प्टन से पहली और आखिरी यात्रा में की कहानी दिखाती है। फिल्म के मुख्य किरदार जैक और रोज के बीच जहाज के बो फेमस ‘किंग ऑफ द वर्ल्ड’ सीन फिल्माया गया था। इस सीन में जैक ने रोज को जहाज के सामने की तरफ उठाया हुआ था। इस एपिक रोमांस और ट्रेजडी फिल्म की लागत असल टाइटैनिक शिप से भी 26 गुना ज्यादा थी। फिल्म के राइटर और डायरेक्टर जेम्स कैमरून थे, जो अवतार, द टर्मिनेटर जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। टाइटैनिक के डूबने की पूरी कहानी
10 अप्रैल 1912 को अपने समय का सबसे बड़ा जहाज टाइटैनिक अपने पहले और आखिरी सफर पर निकला था। इसके निर्माण का काम 1909 में शुरू हुआ था और यह 1912 में पूरा हुआ था। अपना सफर शुरू करने के चौथे ही दिन यानी 14-15 अप्रैल की रात टाइटैनिक अटलांटिक महासागर में बर्फ के एक पहाड़ से टकरा गया था। इसके बाद यह दो टुकड़ों में बंटकर महासागर में डूब गया था। टाइटैनिक के डूबने से 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, जहाज पर सवार 700 लोगों को बचा लिया गया था। टाइटैनिक के एक्सीडेंट को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। एक दावे के मुताबिक, जहाज के कैप्टन स्मिथ ने सागर में हिमखंड होने की चेतावनियों को नजरअंदाज किया और जहाज की स्पीड कम नहीं की। टाइटैनिक से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
टाइटैनिक पर सवार सबसे अमीर शख्स की घड़ी नीलाम:12 करोड़ रुपए में बिकी, यह रिकॉर्ड; जहाज डूबते वक्त बिजनेसमैन ने पत्नी को बचाया था टाइटैनिक जहाज पर सवार रहे सबसे अमीर पैसेंजर की सोने की घड़ी नीलाम हुई है। BBC न्यूज के मुताबिक बिजनेसमैन जॉन जेकब ऐस्टर की यह घड़ी 12 करोड़ से ज्यादा की कीमत पर बिकी है। नीलामी से जुड़े अधिकारी एंड्र्यू ऐल्ड्रिज ने बताया कि यह वर्ल्ड रिकॉर्ड है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस घड़ी के साथ जॉन के गोल्ड कफलिंक्स भी मौजूद हैं। इसे अमेरिका के एक प्राइवेट कलेक्टर हेनरी ऐल्ड्रिज एंड संस ने खरीदा। इससे पहले टाइटैनिक जहाज के डूबते वक्त घबराए पैसेंजर्स को शांत करने के लिए जो वॉयलिन बजाया गया था, उसे साल 2013 में नीलाम किया गया था। नीलामी शुरू होने के 10 मिनट के अंदर यह वॉयलिन साढ़े 9 करोड़ रुपए में बिका था। पूरी खबर यहां पढ़ें… टाइटैनिक के मलबे को देखने जाएगी एक और पनडुब्बी:12 हजार फीट गहराई में उतरेगी ट्राइटन सबमरीन; टाइटन की तरह इसमें भी अरबपति होंगे टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी के समुद्र में फटने के 11 महीने बाद, अब अमेरिका के एक और अरबपति ऐसा करने जा रहे हैं। अमेरिका के रियल एस्टेट अरबपति लैरी कॉनर ट्राइटन सबमरीन के को-फाउंडर पैट्रिक लाहे के साथ इस यात्रा पर जाएंगे। इसके लिए कॉनर ने ट्राइटन 4000/2 एक्सप्लोरर नाम के एक सबमर्सिबल वेसेल डिजाइन की है। इसकी कीमत 166 करोड़ रुपए है। यह समुद्र में 4 हजार मीटर की गहराई तक जा सकती है, जिसे देखते हुए इसका नाम ‘4000’ रखा गया है। ट्राइटन पनडुब्बी अपनी यात्रा पर कब जाएगी, इसकी तारीख फिलहाल सामने नहीं आई है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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