तथ्य गलत दिखाने पर विवादों में IC-814 सीरीज:असल हाईजैक में मौजूद पैसेंजर बोलीं- हमने आतंकियों के साथ अंताक्षरी खेली थी, सबसे दोस्ती हो गई थी

नेटफ्लिक्स की सीरीज IC 814- द कंधार हाईजैक तथ्यों की गड़बड़ी दिखाए जाने पर विवादों में है। सीरीज में आंतकियों के हिंदू नाम बताए गए थे, हालांकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से फटकार मिलने के बाद अब सीरीज में डिस्क्लेमर के साथ उनके असल नाम एड कर दिए गए हैं। इसी बीच 1999 में हुए हाईजैक के समय फ्लाइट में मौजूद एक पैसेंजर का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया है कि हाईजैक के चौथे और 5वें दिन उनकी हाईजैकर्स से दोस्ती हो गई थी। अफगानिस्तान में हुई लैंडिंग से पहले उन्होंने साथ में अंताक्षरी भी खेली थी। हाल ही में एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में हाईजैक के दौरान फ्लाइट में मौजूद पैसेंजर इप्शिता मेनन ने हाईजैक का एक्सपीरिएंस शेयर किया है। उन्होंने बताया है कि वो उस समय 24 साल की थीं। 24 दिसंबर 1999 को हनीमून खत्म कर काठमांडू से भारत लौटने के लिए वो एयर इंडिया की फ्लाइट में बैठी थीं। हाईजैक के पहले दिन उन्हें लगा कि वो मरने वाली हैं, लेकिन जब हाईजैक के चौथे या 5वें दिन फ्लाइट अफगानिस्तान पहुंची, तो आतंकवादी काफी कूल हो गए। वो लोग पैसेंजर्स के साथ अंताक्षरी खेल रहे थे। इप्शिता मेनन ने बातचीत में बताया है कि उनमें से एक आतंकवादी का कोडनेम बर्गर था। जब बर्गर उनके पास आकर बैठा तो उन्होंने पूछा था कि आपका नाम बर्गर क्यों है, क्या आपको बर्गर पसंद है। इस तरह उनकी आतंकियों से दोस्ती हो गई। आतंकियों ने कहा था- हम एक-एक कर सबको मार देंगे इप्शिता ने बातचीत में बताया है कि 29 दिसंबर को आतंकवादियों ने सभी पैसेंजर्स से कहा था कि जो भी जिस भगवान को मानता है, उसे याद कर ले, क्योंकि वो लोग एक-एक कर सबको मारने वाले हैं। हर कोई डर गया। इप्शिता भी रो रही थीं फिर उनकी रोते हुए ही नींद लग गई। कुछ समय बाद एक आतंकवादी ने उन्हें जगाया, तो उन्हें लगा अब उनके मरने की बारी है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2 दिनों बाद 31 दिसंबर 1999 को सभी पैसेंजर्स को छोड़ दिया गया था। बताते चलें कि पैसेंजर्स को छोड़ने के लिए आतंकियों ने भारत सरकार के आगे जेल में बंद आतंकियों को छोड़ने की शर्त रखी थी। पैसेंजर्स के बदले आतंकवादी मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को छोड़ा गया था। इस पूरी असल घटना पर बनी सीरीज IC 814, 28 अगस्त को नेटफ्लिक्स में रिलीज हुई है, जिसमें विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पंकज कपूर, पत्रलेखा अहम किरदारों में है। रिलीज के बाद सीरीज पर आरोप हैं कि इसमें कई तथ्यों को गलत दिखाया गया है। सीरीज में आतंकियों के कोडनेम ‘भोला’ और ‘शंकर’ बताए गए हैं, जिस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल से जवाब मांगा था। अब विवाद बढ़ने पर सीरीज में कोडनेम और असल नाम से जुड़ा डिस्क्लेमर डाला गया है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *