अमेरिका का बाइडेन प्रशासन भारत में रूसी मीडिया हाउस RT को बैन करवाना चाहता है। हाल ही अमेरिका ने दुनिया भर में रूस के मीडिया नेटवर्क RT को बैन कराने के लिए अपनी कोशिशों को तेज किया है। इसी तर्ज पर भारत से भी RT को बैन करने की उम्मीद की जा रही है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के विदेश मंत्रालय से इसे लेकर बात की है। उन्होंने भारत से मांग की है कि वो RT को भारत में जर्नलिज्म के लिए दी गई मान्यता छीन लें। उनके पत्रकार को रूसी दूतावास के कर्मचारी ही मानें। भारत ने इसे लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है। वहीं एक पूर्व डिप्लोमेट ने कहा है कि मीडिया नेटवर्क पर बैन लगवाना पश्चिमी देशों के दोहरे रवैये को उजागर करता है। रूसी सेना के लिए चंदा जुटा रहे मीडिया नेटवर्क अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को रूस पर पाबंदियों की नई लिस्ट की घोषणा की थी। इसमें रूस के कई मीडिया नेटवर्क शामिल किए गए हैं। इनमें भारत में ऑपरेट हो रहे RT और स्पुतनिक भी शामिल हैं। ब्लिंकन ने आरोप लगाए हैं कि ये मीडिया नेटवर्क रूस की इंटेलिजेंस के लिए काम करते हैं। अमेरिका और जर्मनी में इन्होंने गलत जानकारियां फैलाने का काम किया है। मीडिया नेटवर्क पर रूस की मिलिट्री के लिए चंदा इकट्ठा करने के आरोप भी लगाए गए हैं। अमेरिका ने कहा है कि उन्होंने दुनियाभर में उनके डिप्लोमेट्स को आदेश दिए हैं कि वे रूस के मीडिया नेटवर्क के खिलाफ मिले सबूतों को सभी सरकारों के साथ साझा करें। द हिंदू के मुताबिक 2 हफ्ते पहले हुई एक मीटिंग में RT को बैन करने का मुद्दा उठा था। अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी क्रिस्टोफर एल्मस के मुताबिक उन्होंने भारत और दूसरे देशों से अपील की है कि वे अपने मुताबिक रूस के नेटवर्क के खिलाफ एक्शन लें। वहीं, विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ये भारत का मुद्दा नहीं है। भारत किसी एक देश के लगाए प्रतिबंधों के तहत नहीं चलता, उन प्रतिबंधों को पालन नहीं करता जिन्हें UN ने अप्रूव नहीं किया हो। रूस का पलटवार
रूस ने अमेरिका के सभी आरोपों को खारिज किया है। RT के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका उनके विरोध में उठने वाली हर आवाज को कुचल देना चाहता है। वहीं, रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री की प्रवक्ता मारिया जाखरोवा कहती हैं कि अमेरिका की ये हरकत हिटलर की नाजी जर्मनी जैसी है। अमेरिका दुनिया भर में रूस के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहा है। रूसी तेल के बाद अब भारत के सामने RT की कसौटी
भारत के सामने रूस का तेल खरीदने के बाद अब RT की कसौटी है। भारत ने जंग के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा था। इसे लेकर पश्चिमी देशों ने भारत की खूब आलोचना की थी। जेलेंस्की ने भी पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद कहा था कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे जंग रुक जाएगी। हालांकि, भारत ने अपनी आर्थिक स्थिति स्पष्ट करते हुए ये स्प्ष्ट कर दिया वह रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा। RT को लिए लगातार लिखने वाले रूस में भारत के पूर्व राजदूत कंवल सिब्बल का मानना है कि भारत अमेरिका के दबाव में नहीं आएगा। विदेश मंत्रालय अपने विवेक से फैसला लेगा। वहीं अमेरिका की इस हरकत से ग्लोबल साउथ देशों में उसकी छवि बिगड़ेगी।
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