दिवालिया होने के बाद श्रीलंका में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव:राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को मिल रही कड़ी टक्कर, चीन समर्थक नेता की हो सकती है जीत

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई और शाम 4 बजे तक चलेगी। वोटिंग खत्म होने के साढ़े 3 घंटे बाद काउंटिंग शुरू होगी। रिजल्ट रविवार को आ सकते हैं। 2022 में आर्थिक संकट आने के बाद पहली बार श्रीलंका में इतने बड़े स्तर पर चुनाव हो रहे हैं। करीब 1 करोड़ 70 लाख वोटर वोटिंग कर रहे हैं। श्रीलंकाई वेबसाइट डेली मिरर के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए के 38 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला 4 उम्मीदवारों के बीच है। BBC के मुताबिक श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट टॉप-3 कैंडिडेट की रैंकिंग के आधार पर तय होता है। अगर टॉप 3 में से किसी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो 3 उम्मीदवारों के बीच दूसरे दौर की वोटिंग होती है। श्रीलंका में अभी तक दूसरे दौर की वोटिंग नहीं हुई है। राष्ट्रपति की रेस में दो पूर्व राष्ट्रपतियों के बेटे
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दूसरे दौर की वोटिंग हो सकती है क्योंकि इस बार कई बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के नेता अनुरा कुमार दिसानायके (55 साल), समागी जन बालावेगया (SJB) के साजिथ प्रेमदासा (57 साल) और श्रीलंका पोडु पेरामुना पार्टी (SLPP) के नमल राजपक्षे (38 साल) टक्कर दे रहे हैं। साजिथ प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। 1993 में रणसिंघे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, नमल राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। महिंदा राजपक्षे 2005 से लेकर 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। अनुरा दिसानायके रेस में सबसे आगे
सर्वे के मुताबिक इस बार अनुरा दिसानायके के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है। विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी कम बताई गई है। साल 2022 में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी। महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई कि लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इस कारण तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इससे जुड़ी यादें लोगों के जेहन में अभी भी है। यही वजह है कि पिछले दो दशक से देश का सबसे बड़ा परिवार ‘राजपक्षे’ रेस से बाहर होता दिख रहा है। भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा, अब दोस्ती बढ़ाई
अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के नेता हैं। वे NPP गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक JVP पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब JVP ने इसका विरोध किया था। हाल के कुछ सालों में JVP ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। JVP नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है। रानिल विक्रमसिंघे अनुरा कुमार दिसानायके सजिथ प्रेमदासा

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *