देश में केएफसी, पिज्जा हट और कोस्टा कॉफी जैसे चर्चित फूड चेन चलाने वाली डीआईएल यानी देवयानी इंटरनेशनल लिमिटेड ने अपनी बॉस्केट में अब एक और भारतीय डिश जोड़ी है। इसने हॉल ही में बिरयानी बाय किलो (बीबीके) रेस्त्रां चलाने वाले स्काई गेट हॉस्पिटैलिटी की 81% हिस्सेदारी ले ली। यह डील 420 करोड़ रुपए में हुई। इस तरह डीआईएल ने अपने प्रतिद्वंद्वी बिजनेस जुबिलेंट फूडवर्क्स के ‘एकदम बिरयानी’ ब्रांड को टक्कर देने की कोशिश की है। आइए, समझते हैं कि देश में विदेशी फूड चेन चलाने वाली कंपनियां बिरयानी पर दांव क्यों लगा रही हैं? उनका अपना दक्षिण भारतीय खाद्य ब्रांड वांगो भी है… सवाल: स्काई गेट हॉस्पिटैलिटी क्या करती है? जवाब: कंपनी का सबसे चर्चित ब्रांड बिरयानी बाय किलो (बीबीके) है। इसके अलावा गोइला बटर चिकन जैसे अन्य ब्रांड भी हैं। बीबीके ने बिरयानी की डिलीवरी सर्विस के रूप में शुरुआत की थी, जो मिट्टी के बर्तनों में बनी बिरयानी और हर ऑर्डर के साथ आने वाले एक छोटे हीटर के लिए प्रसिद्ध है। देशभर में इसके 100 से अधिक रेस्त्रां भी हैं। सवाल: यह सौदा आखिर इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
जवाब: भारत में बिरयानी की मांग बहुत ज्यादा है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। सिर्फ एक साल में (2024), फूड डिलीवरी एप स्विगी और जोमैटो ने 17 करोड़ बिरयानी डिलीवर कीं। यानी हर मिनट में बिरयानी के 330 ऑर्डर डिलीवर किए जा रहे हैं। इस लिहाज से यह भारत का सबसे लोकप्रिय फूड डिश है। सवाल: देश में बिरयानी का बाजार कितना बड़ा है?
जवाब: भारत में बिरयानी का बाजार लगभग 20,000 करोड़ रुपए का है। दिलचस्प है कि इस बाजार के अधिकांश हिस्से पर छोटे, असंगठित खिलाड़ियों का कब्जा है। बीबीके, बेहरोज और एकदम बिरयानी जैसे बड़े संगठित ब्रांड इसका केवल एक छोटा सा हिस्सा (लगभग 15%) हैं। यानी इस बिजनेस में विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। सवाल: डीआईएल को किस तरह फायदा होगा?
स्काई गेट को खरीदकर डीआईएल बीबीके, गोइला बटर चिकन और द भोजन को अपने मौजूदा रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन (केवल डिलीवरी के लिए रसोई) के नेटवर्क में जोड़ सकती है। डीआईएल का बिजनेस नियमित रूप से बढ़ रहा है, लेकिन उसकी तुलना में स्काई गेट बीते 5 वर्षों में सालाना 55 कम्पाउंडेड रेट (सीएजीआर) से ग्रोथ कर रही है। इससे डीआईएल की सेल्स और मुनाफे में उछाल आ सकता है । सवाल: इस डील से स्काई गेट को क्या फायदा है?
जिन निवेशकों ने शुरुआत में स्काई गेट का सपोर्ट किया था, वे अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। इसका मतलब है कि स्काई गेट को भविष्य में विस्तार के लिए नई पूंजी मिलेगी। सिर्फ पूंजी से ज्यादा, स्काई गेट को डीआईएल जैसे एक बड़े और अनुभवी फ्रेंचाइजी ऑपरेटर का सपोर्ट मिलेगा। डीआईएल के पूरे भारत में 1,500 से ज्यादा स्टोर हैं। इनमें से कई छोटे शहरों में हैं। यह नेटवर्क बीबीके और उनके अन्य ब्रांड्स को कई और ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद कर सकता है। सवाल: बिरयानी मार्केट में इसका क्या असर होगा?
यह डील स्काई गेट को बेहरोज बिरयानी की पैरेंट कंपनी रिबेल फूड्स जैसे अन्य बड़े बिरयानी ब्रांड्स के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूत स्थिति में लाएगा, जो अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। केवल वेंचर कैपिटल के पैसे से ऐसे खिलाड़ी से मुकाबला करना मुश्किल होता। लेकिन अब, स्काई गेट को न केवल पूंजी मिल रही है, बल्कि डीआईएल जैसी बड़ी कंपनी के साथ आने से व्यापक बाजार में पहुंच भी मिलेगी। उसके अनुभव का लाभ मिलने से परिचालन क्षमता में भी सुधार दिख सकता है।
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