नाजायज रिश्ते, ब्लैकमेलिंग और मॉडल दिव्या के कत्ल की कहानी:होटेलियर बॉयफ्रेंड ने गोली मारी, CCTV फुटेज में लाश घसीटते दिखा स्टाफ; नहर में मिली थी लाश

आज अनसुनी दास्तानें में हम आपको बताने जा रहे हैं गुरुग्राम की मॉडल दिव्या पाहूजा के कत्ल की भयावह कहानी, जिसने पूरे दिल्ली-NCR और हरियाणा में सनसनी मचा दी। ग्लैमर वर्ल्ड का हिस्सा रहीं दिव्या के गैंगस्टर संदीप गडोली के साथ नाजायज संबंध थे। एनकाउंटर में गडोली के मारे जाने के बाद दिव्या के गुरुग्राम के होटल सिटी पॉइंट के मालिक अभिजीत से संबंध बने। हालांकि, किसी को अंदाजा नहीं था कि यह रिश्ता एक भयावह मोड़ ले लेगा, जिसके तार ब्लैकमेलिंग, समलैंगिकता और साजिशों के जाल से बुने होंगे। 1 जनवरी 2024 को दिव्या नए साल का जश्न मनाने घर से निकलीं, लेकिन फिर लौटी नहीं। परिवार की तलाश एक होटल के रूम नंबर 111 पर जाकर खत्म हुई, जहां उनका कत्ल हुआ था। कातिलों के पकड़े जाने के बाद दिव्या की लाश एक नहर में सड़ी-गली हालत में मिली थी। आज अनसुनी दास्तानें के 4 चैप्टर्स में पढ़िए मॉडल दिव्या की गैंगस्टर बॉयफ्रेंड, नाजायज रिश्ते, ब्लैकमेलिंग और कत्ल से बुनी कहानी- गुरुग्राम के बलदेव नगर में दिव्या अपने माता-पिता और बहन नैना के साथ रहती थीं। देखने में खूबसूरत दिव्या ने शुरुआती तौर पर एक IT कंपनी में काम किया और फिर मॉडलिंग में हाथ आजमाने मुंबई पहुंच गईं। चंद छोटे-मोटे मॉडलिंग प्रोजेक्ट करने के बाद जब उनका मुंबई में गुजारा मुश्किल होने लगा, तो वो गुरुग्राम लौट आईं। कुछ छोटे-मोटे शोज करते हुए एक रोज दिव्या की मुलाकात संदीप गडोली से हुई जो एक कुख्यात गैंगस्टर था। संदीप के पिता हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। समय के साथ संदीप ने पूरे हरियाणा में अपनी गुंडागर्दी और हत्या कर क्रिमिनल वर्ल्ड में ऐसा नाम बनाया कि पूरे दक्षिण हरियाणा और दिल्ली से उसे रंगदारी मिलने लगी। फिल्मी स्टाइल से वो अपनी ऐशो-आराम की जिंदगी जीता था। उसकी लाइफस्टाइल पर फिदा होकर दिव्या उसे पसंद करने लगीं। चंद मुलाकातों के बाद ही 21 साल की दिव्या गैंगस्टर के साथ रिलेशनशिप में आ गईं। दिव्या सबसे पहले तब सुर्खियों में आईं जब 7 फरवरी 2016 को उनके बॉयफ्रेंड और गैंगस्टर संदीप गडोली का मुंबई में एनकाउंटर हुआ। दिव्या की निशानदेही पर हुआ था गैंगस्टर संदीप का फर्जी एनकाउंटर
रिलेशनशिप में आने के बाद दिव्या और संदीप लिव-इन में रह रहे थे, लेकिन समय के साथ दोनों के रिश्ते में खटास आने लगी थी। दोनों के जमकर झगड़े होते थे, जिसके चलते चंद महीनों में ही दोनों अलग हो गए। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा पुलिस संदीप की तलाश में थी। उसने संदीप तक पहुंचने के लिए दिव्या को निशाना बनाया। रिपोर्ट्स ये भी रहीं कि जिस समय मुंबई के एयरपोर्ट मेट्रो होटल में संदीप का एनकाउंटर हुआ, उस समय दिव्या उसके साथ ही थीं। उन्होंने ही पुलिस को संदीप के होटल में होने की जानकारी दी थी। संदीप का एनकाउंटर कई वजहों से विवादों में रहा। हरियाणा पुलिस ने दावा किया कि जिस समय वो संदीप पर सरेंडर करने का दबाव बना रही थी, उस समय उसने पुलिस पर हमला किया और जवाबी हमले में 3 गोलियां लगने से वो मारा गया। जबकि मुंबई पुलिस ने जांच में पाया कि एनकाउंटर के समय संदीप निहत्था था। ये एनकाउंटर फेक था। रिपोर्ट्स थीं कि हरियाणा पुलिस ने अंडरवर्ल्ड के दबाव में इसे अंजाम दिया था। नतीजतन एनकाउंडर में शामिल पुलिसकर्मियों और इंस्पेक्टर प्रद्युम्न यादव को अरेस्ट कर लिया गया। इस मामले में शामिल होने पर दिव्या की भी गिरफ्तारी हुई थी। आरोप साबित होने पर उन्हें 7 साल की सजा हुई। जून 2023 में दिव्या जमानत पर बाहर आईं। 30 साल बड़े होटेलियर से थे नाजायज संबंध
साल 2016 में जेल से निकलने के बाद दिव्या पाहूजा की जून 2023 में 30 साल बड़े अभिजीत सिंह से मुलाकात हुई। अभिजीत रईस, शादीशुदा और गुरुग्राम के सिटी पॉइंट होटल का मालिक था। अभिजीत से मुलाकात के बाद फिर एक बार दिव्या पाहूजा की जिंदगी लग्जरी हो चुकी थी। वो अक्सर उन्हें महंगे तोहफे दिया करता था, जिनमें एक आईफोन भी शामिल था। कई बार दिव्या ने अभिजीत से रुपए भी लिए थे। दोनों की मुलाकात अक्सर अभिजीत के साउथ एक्सटेंशन स्थित घर और गुरुग्राम के होटल में हुआ करती थी। अपने होटल सिटी पॉइंट का कमरा नंबर 114 अभिजीत अपने लिए हमेशा बुक रखते थे। दोनों जब भी होटल आते थे, उसी कमरे में ठहते थे। प्राइवेट तस्वीरों के जरिए अभिजीत को ब्लैकमेल करती थीं दिव्या
चंद महीनों में ही दोनों का ये रिश्ता भयावह मोड़ लेने लगा। दिव्या के पास अभिजीत की कई प्राइवेट फोटोज थीं, जिनके जरिए वो अक्सर धमकियां देती थीं कि अगर अभिजीत उसकी डिमांड पूरी नहीं करेंगे, तो वो उनकी सभी तस्वीरें उनके परिवार तक पहुंचा देंगी। अगर अभिजीत के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की खबर और उनकी प्राइवेट तस्वीरें परिवार तक पहुंचतीं, तो उनकी जिंदगी खराब हो सकती थी। इस डर से वो अक्सर दिव्या को मुंहमांगी रकम दे दिया करते थे, लेकिन ये सिलसिला समय के साथ उनकी बर्दाश्त की हद से बाहर होने लगा। अभिजीत ने कई बार दिव्या से रिक्वेस्ट की कि वो उन्हें धमकियां न दें, क्योंकि वो और रुपए नहीं दे सकेंगे, लेकिन इस बार दिव्या की डिमांड 30 लाख रुपए की थी। नए साल का जश्न, जो बना मौत की वजह 1 जनवरी 2024 दिव्या पाहूजा नए साल का जश्न मनाने के लिए अभिजीत के साउथ एक्सटेंशन के फेज-1 में जे-1 स्थित घर गई थीं। न्यू ईयर पार्टी में अभिजीत के दोस्त बलराज, रवि बंगा, प्रवेश और मेधा भी मौजूद थे। सभी ने देर रात तक पार्टी की और फिर मेधा वहां से निकल गईं। मेधा के निकलने के बाद फिर दिव्या ने पैसों की बात छेड़ दी। दोस्तों के सामने कोई बात न निकले, इसलिए अभिजीत ने दिव्या को घर से दूर ले जाना बेहतर समझा। अभिजीत, बलराज और दिव्या देर रात सवा 3 बजे अपनी मिनी कूपर से घर से होटल के लिए रवाना हुए। तीनों करीब 4 बजे होटल पहुंचे। जब रिसेप्शन पर उनके पसंदीदा रूम नंबर 114 की चाबी नहीं मिली, तो कुछ देर इंतजार करने के बाद उन्होंने रूम नंबर 111 खुलवा लिया। अभिजीत और दिव्या कमरे में चले गए, जबकि बलराज लौट गया। अगले दिन शाम करीब 6 बजे अभिजीत उस कमरे से निकले। वो पूरी तरह नशे में थे। उन्होंने पहले अपने होटल स्टाफ हेमराज और ओमप्रकाश से कमरा नंबर 114 खुलवाया और फिर रिसेप्शन में आकर कहा कि ऊपर कमरे में एक लाश है। उनके हाथों मर्डर हो गया था। उन्होंने स्टाफ से कहा कि जाओ रूम की सफाई कर दो और ये कहते हुए वो निकल गए। होटल में लाश होने की बात सुनते ही स्टाफ डर गया। स्टाफ ने सबसे पहले अनुज को कॉल किया, जिसे कुछ समय पहले अभिजीत ने अपना होटल लीज पर दिया था। अनुज किसी भी तरह के कानूनी पचड़े में नहीं फंसना चाहते थे, ऐसे में उन्होंने स्टाफ से पुलिस को खबर करने को कहा। देर रात जब पुलिस पुहंची तो स्टाफ ने बताया कि अभिजीत रूम नंबर 114 में थे। जब पुलिस कमरे में पहुंची, तो देखा वहां कुछ नहीं है। न कोई लाश न कोई सुराग। पुलिस ने समय की बर्बादी होने पर स्टाफ को फटकार लगाई और वहां से निकल गई। कुछ समय बाद अभिजीत दोबारा होटल लौट आए। इस बार उसके साथ उसके दोस्त बलराज और रवि बांगा भी थे। होटल आकर अभिजीत ने अपने स्टाफ से कहा कि वो लाश को नीचे लाकर BMW कार की डिग्गी में डाल दे। जब स्टाफ के लोग पहली मंजिल पर पहुंचे, तब उन्हें एहसास हुआ कि लाश रूम नंबर 114 में नहीं रूम नंबर 111 में थी। उन लोगों ने लाश को एक चादर में लपेटकर बलराज की कार में रख दिया। बलराज और रवि लाश के साथ रवाना हुए, जबकि अभिजीत अपने घर लौट गए। कुछ समय बीता ही था कि दिव्या की बहन नैना उनसे संपर्क न हो पाने पर परेशान होने लगीं। दिव्या हमेशा अपनी बहन के संपर्क में रहती थीं। वो कहां जा रही हैं और किसके साथ हैं, ये भी वो अपनी बहन को जरूर बताती थीं। 1 जनवरी को उन्होंने अपनी बहन को ये भी बताया था कि वो न्यू ईयर पार्टी के लिए अभिजीत के घर जा रही हैं। दिव्या की बहन ने जब अभिजीत से संपर्क किया, तो उन्होंने बात नहीं की। घबराकर जब वो अभिजीत के घर पहुंचीं, तो दिव्या वहां भी नहीं थीं। आखिरकार बहन के लिए फिक्रमंद हुईं नैना सीधे पुलिस स्टेशन पहुंच गईं। पुलिस इस बार तलाशी लेने सीधे गुरुग्राम के सिटी पॉइंट होटल पहुंची। वही होटल, जहां चंद घंटों पहले ही पुलिस ने तलाशी ली थी। पहले तो होटल स्टाफ कहानियां बनाता रहा, लेकिन जब CCTV फुटेज निकाले गए, तो नतीजे चौंका देने वाले थे। CCTV में लाश घसीटता नजर आया होटल स्टाफ
पुलिस ने सबसे पहले ये देखने के लिए रिसेप्शन का CCTV फुटेज निकाला कि दिव्या वहां पहुंचीं या नहीं। फुटेज में दिव्या रिसेप्शन से रूम नंबर 111 में जाती दिखीं। जब कमरा खोला गया, तो मंजर दिल दहला देने वाला था। फर्श पर खून था और कमरे की हालत बेतरतीब थी। तुरंत फोरेंसिक टीम बुलाई गई और होटल स्टाफ हेमराज और ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरी तरफ अभिजीत की गिरफ्तारी उनके साउथ एक्सटेंशन स्थित घर से हुई। गिरफ्तारी के बाद अभिजीत ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में बताया कि 2 जनवरी की दोपहर वो दिव्या से बात कर रहे थे। दिव्या ने उन्हें बताया कि वो समलैंगिक है और उसे लड़कियों में दिलचस्पी है। वो किसी लड़की से मिलना चाहती है। ये सुनते ही अभिजीत ने दोपहर साढ़े 3 बजे अपनी दोस्त मेधा को कॉल कर होटल बुलाया। मेधा होटल पहुंचती उससे पहले ही दिव्या ने 30 लाख रुपए की मांग शुरू कर दी। धमकी वही थी, पैसे दो वर्ना प्राइवेट फोटोज परिवार को भेज दूंगी
अभिजीत ने उसे मनाने की खूब कोशिश की, लेकिन वो अपनी बात पर अड़ी हुई थी। दोनों के बीच अनबन इतनी बढ़ गई कि नशे और गुस्से में अभिजीत ने अपना आपा खो दिया और उनके सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही दिव्या जमीन पर गिर पड़ीं और फर्श पर खून फैल गया। कत्ल के बाद अभिजीत को कुछ समझ नहीं आया और वो काफी देर तक कमरे में ही लाश के पास बैठा रहा। कुछ देर बाद उसने होटल स्टाफ से सफाई के लिए कहा, फिर दोस्तों को लाश को ठिकाने लगाने बुला लिया। अभिजीत के दोस्तों ने दिव्या की लाश 2 जनवरी को संगरूर के भाखड़ा कनाल में फेंकी थी, जिसे 10 दिनों की मशक्कत के बाद ढूंढा जा सका। इस मामले में अभिजीत, उनके स्टाफ हेमराज, ओमप्रकाश, वकील बलराज, पीएसओ प्रवेश, रवि बंगा और मेधा की गिरफ्तारी हुई थी। फिलहाल ये मामला कोर्ट में है।

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