न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम की पिच को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने खराब बताया। यहां टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मैच खेले गए थे। ICC ने टूर्नामेंट के 2 महीने बाद पिचों को रेटिंग दी। अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच त्रिनिदाद में हुए सेमीफाइनल की पिच को भी ICC ने खराब बताया। जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच न्यूयॉर्क में ही हुए मैच की पिच को ICC ने ठीक माना। जहां भारत ने 6 रन से करीबी मुकाबला जीता था। रोहित, पंत को न्यूयॉर्क में लगी थी चोट
न्यूयॉर्क में वर्ल्ड कप के 8 मैच खेले गए थे, लेकिन ICC ने शुरुआती 2 मैचों की पिच को ही खराब बताया। यह मैच श्रीलंका-साउथ अफ्रीका और भारत-आयरलैंड के बीच हुए थे। श्रीलंका जहां 77 रन ही बना सका था, वहीं आयरलैंड 96 रन बनाकर सिमट गया था। आयरलैंड के खिलाफ मैच में भारत के कप्तान रोहित शर्मा फिफ्टी लगाने के बाद रिटायर्ड हर्ट हो गए थे, क्योंकि उन्हें कुछ गेंदें शरीर पर लगी थीं। इसी मैच में ऋषभ पंत भी चोटिल हुए थे, उन्हें भी कुछ गेंद सीधे शरीर पर जा लगी थीं। आयरलैंड के हैरी टेक्टर भी भारत के जसप्रीत बुमराह की गेंद से चोटिल हो गए थे। एक्सपर्ट्स ने बताया था खतरनाक
टूर्नामेंट के दौरान जिम्बाब्वे के पूर्व क्रिकेटर एंडी फ्लॉवर ने पिच की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि न्यूयॉर्क की पिच लगातार खतरनाक होते जा रही है। वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने पिच को ‘शॉकिंग’ बताया था। भारत-पाक मैच की पिच ठीक थी
न्यूयॉर्क में शुरुआती 2 मैचों में हुई परेशानी के बाद पिच को ठीक करने का काम किया गया। जिसके बाद बाकी मैचों में खिलाड़ियों को चोट लगने के मामले नहीं आए। हालांकि, वहां रन बनना फिर भी मुश्किल था। भारत-पाकिस्तान के बीच मैच लो-स्कोरिंग रहा, जहां टीम इंडिया ने 119 रन डिफेंड करते हुए 6 रन से मुकाबला जीत लिया था। इस पिच को ICC ने ठीक बताया। न्यूयॉर्क में क्यों आई थीं दिक्कतें
न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी में 2023 तक क्रिकेट स्टेडियम नहीं था। वहां ICC ने मॉड्युलर स्टेडियम बनवाया, जिसके लिए 10 ड्रॉप-इन पिचें ऑस्ट्रेलिया से लाई गईं। जिनमें से 4 पर मैच हुए। ड्रॉप-इन पिचों को तैयार होने में करीब 8 महीने लग जाते हैं, लेकिन न्यूयॉर्क में 5 महीने बाद ही मैच करा दिए गए। जिस कारण दिक्कतें भी आईं। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड ओवल ग्राउंड के चीफ क्यूरेटर डेमियन हॉग को न्यूयॉर्क में पिच तैयार करने का काम दिया गया था। उन्होंने कहा था, टाइम कम होने के कारण पिचें सेटल नहीं हो सकीं। न्यूयॉर्क में 14 ही दिन के अंदर 8 मैच हुए, जिस कारण परेशानी और भी बढ़ गई। सेमीफाइनल की पिच का मुद्दा सबसे बड़ा
रेटिंग में सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच त्रिनिदाद में हुए सेमीफाइनल की पिच को भी खराब रेटिंग दी गई। जहां अफगानिस्तान महज 56 रन बनाकर सिमट गया था, जिसके बाद साउथ अफ्रीका ने आसानी से मैच जीत लिया था। सेमीफाइनल के बाद अफगानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट ने पिच को लेकर गुस्सा जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि इस तरह की पिच पर वर्ल्ड कप सेमीफाइनल नहीं होना चाहिए। त्रिनिदाद के ब्रायन लारा क्रिकेट स्टेडियम की पिच ग्रुप स्टेज में भी लो-स्कोरिंग रही। जहां मेजबान वेस्टइंडीज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 149 रन डिफेंड किए थे। फाइनल की पिच को बताया बहुत अच्छा
भारत और इंग्लैंड के बीच गयाना में हुए सेमीफाइनल की पिच को ICC ने ठीक बताया। जबकि साउथ अफ्रीका और भारत के बीच बारबाडोस में हुए फाइनल की पिच को ICC ने बहुत अच्छा बताया। टूर्नामेंट की 3 ही पिचों को खराब रेटिंग मिली, जबकि ज्यादातर पिचों की रेटिंग से ICC को परेशानी नहीं हुई। कितने तरह की होती है पिच रेटिंग
मैच रेफरी की रिपोर्ट के आधार पर ICC हर इंटरनेशनल मैच की पिच, आउटफील्ड और ग्राउंड को रेट करता है। पिच को 5 तरह से रेट किया जाता है। बहुत अच्छा, अच्छा, ठीक, खराब और अनफिट। अच्छी और बहुत अच्छी रेटिंग शानदार मानी जाती है और ठीक यानी एवरेज रेटिंग होती है। खराब और अनफिट रेटिंग होने पर ग्राउंड को डिमेरिट पॉइंट्स दिए जाते हैं। 3 साल में 5 से ज्यादा डिमरेट पॉइंट मिलने पर ग्राउंड को 1 या 2 साल के लिए बैन भी किया जा सकता है।
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