पहली तिमाही में गोदरेज इंडस्ट्रीज का मुनाफा 81% बढ़ा:रेवेन्यू 6% कम होकर ₹4,248 करोड़, एक साल में 79.39% चढ़ा शेयर

साबुन से लेकर लॉकर तक बनाने वाली कंपनी गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 322.49 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले इसमें 81.11% की बढ़ोतरी हुई है। Q1FY24 (वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही) में कंपनी को 178.06 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में यह 4,247.93 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 5.72% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 4,505.66 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। गोदरेज लिमिटेड की टोटल इनकम 7.48% बढ़ी
अप्रैल-जून तिमाही में गोदरेज इंडस्ट्रीज की टोटल इनकम सालाना आधार पर 7.48% बढ़कर 5,259.41 करोड़ रुपए रही। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी की आय 4,893.40 करोड़ रुपए रही थी। वहीं, इस दौरान कंपनी का टोटल एक्सपेंस यानी खर्च 4,447.51 करोड़ रुपए रहा। नतीजों के बाद गिरा गोदरेज का शेयर
नतीजों के बाद गोदरेज इंडस्ट्रीज के शेयर में गिरावट देखने को मिली। कंपनी का शेयर आज (मंगलवार, 13 अगस्त) 1.12% गिरकर 888.95 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। गोदरेज के शेयर ने पिछले 6 महीने में 9.02% और एक साल में 79.39% का रिटर्न दिया है। यह शेयर इस साल यानी 1 जनवरी 2024 से अब तक 13.98% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट-कैप 29,940 करोड़ रुपए है। 1897 में हुई थी गोदरेज की स्थापना
ग्रुप की स्थापना 1897 में अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने की थी। आर्देशिर गोदरेज ने 3 हजार रुपए लेकर सर्जरी ब्लेड का अपना पहला बिजनेस शुरू किया, जो आगे चल नहीं पाया। ‘मेड इन इंडिया’ लिखवाने के लिए अंग्रेजों से अड़ गए गोदरेज का पहला बिजनेस फेल होने का कारण उनका देश प्रेम था । चोरी की घटनाओं से आया ताला बनाने का आइडिया
आर्देशिर गोदरेज का पहला बिजनेस भले ही ठप हो गया, मगर उन्होंने हार नहीं मानी। एक दिन अखबार पढ़ते हुए उनकी नजर एक खबर पर गई। ये खबर बंबई में चोरी की घटनाओं से जुड़ी थी। बंबई के पुलिस कमिश्नर ने लोगों को अपने घर और दफ्तर की सुरक्षा बेहतर करने को कहा था। बस इस खबर से आर्देशिर के दिमाग में ताले बनाने का आइडिया आ गया। कर्ज लेकर शुरू किया था ताले बनाने का काम
ऐसा नहीं है कि उस वक्त ताले नहीं थे। मगर गोदरेज ने ऐसे लॉक्स बनाए, जो पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित थे। एक बार फिर कर्ज लेकर बॉम्बे गैस वर्क्स के बगल में 215 वर्ग फुट का गोदाम खोला और वहां ताले बनाने का काम शुरू कर दिया। इसके साथ ही साल 1897 में जन्म हुआ ‘गोदरेज’ कंपनी का। कुछ समय बाद उनके छोटे भाई पिरोजशा भी इस व्यवसाय में शामिल हुए और उन्हें गोदरेज ब्रदर्स के नाम से जाना जाने लगा। ये खबर भी पढ़ें… 127 साल पुराना गोदरेज ग्रुप बंटेगा: आदि-नादिर गोदरेज को इंडस्ट्रीज की लिस्टेड कंपनियां मिलेंगी; चचेरे भाई जमशेद के हिस्से नॉन-लिस्टेड कंपनियां साबुन से लेकर लॉकर तक बनाने वाला गोदरेज ग्रुप बंटने वाला है। गोदरेज फैमिली ने 127 साल पुराने ग्रुप को दो भागों में बांटने का समझौता किया है। इसके तहत एक हिस्सा आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर काे मिलेगा जबकि दूसरा, चचेरे भाई जमशेद और बहन स्मिता को। आदि और नादिर ने गोदरेज इंडस्ट्रीज अपने पास रखी है, जिसमें पांच लिस्टेड कंपनियां हैं। जमशेद और स्मिता के हिस्से में गैर-लिस्टेड कंपनी गोदरेज एंड बॉयस और मुंबई में उससे जुड़ी प्रमुख संपत्ति सहित लैंड बैंक आया है। ग्रुप ने 30 अप्रैल को स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… पहली तिमाही में गोदरेज कंज्यूमर को ₹451 करोड़ का मुनाफा: सालाना आधार पर 41% बढ़ा, रेवेन्यू 3.40% कम हुआ; इस साल 30% चढ़ा शेयर गोदरेज ग्रुप की FMCG कंपनी गोदरेज कंज्यूमर का वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 451 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 41% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 319 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। अप्रैल-जून तिमाही मे रेवेन्यू की बात करें तो, यह टोटल 3,332 करोड़ रुपए रही। सालाना आधार पर इसमें 3.40% की कमी आई है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी ने 3,449 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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