पाकिस्तान ने शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) समिट के लिए PM मोदी को इस्लामाबाद आने का न्योता दिया है। पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर के बीच SCO की मीटिंग होस्ट करेगा। भारत के अलावा संगठन के दूसरे सदस्य देशों के हेड ऑफ गवर्नमेंट को भी न्योता दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि PM मोदी इस बैठक के लिए इस्लामाबाद जाएंगे। हालांकि, वे किसी मंत्री को बतौर प्रतिनिधि बैठक में शामिल होने के लिए भेज सकते हैं। पिछले साल किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक ने SCO की CHG बैठक होस्ट की थी। इसमें भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे। जुलाई में SCO समिट में शामिल नहीं हुए थे PM मोदी
वहीं इस साल 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में हुए SCO समिट में भी PM मोदी शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री जयशंकर ने ही भारत का प्रतिनिधित्व किया था। दरअसल, SCO समिट के समय ही भारत में नई सरकार बनने के बाद संसद का पहला सत्र हुआ था, जिस वजह से PM मोदी कजाकिस्तान नहीं जा पाए थे। इससे पहले पिछले साल गोवा में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार साल 2015 में एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। तब उन्होंने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इसके बाद दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। तब से दोनों देशों के बीच कोई हाई-लेवल बैठक नहीं हुई है। चीन-पाकिस्तान पर लगाम, सेंट्रल एशिया पर नजर, भारत के लिए क्यों जरूरी है SCO? SCO मध्य एशिया में शांति और सभी देशों के बीच सहयोग बनाए रखने के लिए बनाया गया संगठन है। पाकिस्तान, चीन रूस भी इसके मेंबर हैं। SCO भारत को आतंकवाद से लड़ाई और सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात मजबूती से रखने के लिए एक मजबूत मंच उपलब्ध कराता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, SCO को लेकर भारत की तीन प्रमुख पॉलिसी हैं:
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