पाकिस्तान ने SCO बैठक के लिए मोदी को न्योता भेजा:PM शामिल होंगे या नहीं, इस पर भारत ने कहा था- अटकलबाजी न लगाएं

पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्टूबर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से जुड़ी एक बैठक में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया है। SCO के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि बैठक में भाग लेने के लिए सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है। इसी के तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा गया है। प्रवक्ता बलूच ने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही बैठक में शामिल होने की पुष्टि कर दी है। किस देश ने आमंत्रण स्वीकार किया है, इस बारे में सही वक्त पर जानकारी दी जाएगी। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बीते मंगलवार को कहा था कि पाकिस्तान निश्चित तौर पर PM मोदी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्योता भेजेगा। भारत ने अटकलबाजी न लगाने को कहा था
भारत ने 26 अगस्त को उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया था, जिनमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में होने वाले आगामी SCO शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसे लेकर कहा, “हमने देखा है कि ऐसी खबरें चल रही हैं कि PM मोदी पाकिस्तान में SCO बैठक में भाग नहीं लेंगे या उनके बदले विदेश मंत्री पाकिस्तान में शामिल होंगे। हम साफ करना चाहते हैं कि विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं है। इसलिए इससे जुड़ी किसी अटकलबाजी से बचा जाए।” पाकिस्तानी अखबार डॉन ने गुरुवार को कहा कि कूटनीतिक सूत्र बताते हैं कि मोदी के सीमा पार करने की संभावना कम है, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय की अटकलबाजी से बचने की सलाह ने अफवाहों को दबाने की बजाय उनमें नई जान फूंक दी है। अखबार आगे लिखता है कि भारत ने अब तक ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है कि PM मोदी SCO बैठक में इसमें शामिल नहीं हो रहे। इस वजह से भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में अटकलों का खेल शुरू हो गया है। जुलाई में SCO समिट में शामिल नहीं हुए थे PM मोदी
इस साल 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में हुए SCO समिट में PM मोदी शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। पिछले साल किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक ने SCO की CHG बैठक होस्ट की थी। इसमें भी PM मोदी नहीं जा पाए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे। भारत ने पिछले साल वर्चुअल मोड में 4 जुलाई को SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑनलाइन हिस्सा लिया था। इससे पहले मई 2023 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे। 9 साल पहले सरप्राइज विजिट पर PAK पहुंचे PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार साल 2015 में एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। तब उन्होंने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इसके बाद दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। तब से दोनों देशों के बीच कोई हाई-लेवल बैठक नहीं हुई है। भारत के लिए क्यों जरूरी है SCO?
SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। यह संगठन मध्य एशिया में शांति और सभी देशों के बीच सहयोग बनाए रखने के लिए बनाया गया है। पाकिस्तान, चीन रूस भी इसके मेंबर हैं।
SCO भारत को आतंकवाद से लड़ाई और सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात मजबूती से रखने के लिए एक मजबूत मंच उपलब्ध कराता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, SCO को लेकर भारत की तीन प्रमुख पॉलिसी हैं: ये खबर भी पढ़ें… मनोज जोशी का कॉलम:पाकिस्तान को अपने हाल पर छोड़ देने की नीति ठीक नहीं बांग्लादेश में निर्मित स्थितियों के कारण उससे हमारे संबंधों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे में यह पूछने का सही समय है कि पाकिस्तान के साथ हमारे हमेशा से ही खराब संबंधों की स्थिति क्या है? पढ़ें पूरी खबर…

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