पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दो मुस्लिम महिलाओं को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों महिलाओं पर कुरान के पन्ने जलाने का आरोप लगा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को पुलिस ने दोनों पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-B के तहत मुकदमा दर्ज किया है। महिलाओं के नाम शहनाज खान और शाजिया करमात हैं। शहनाज एक प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल है और शाजिया उनके घर में खाना बनाने का काम करती है। ये दोनों महिलाएं लाहौर से 50 किमी दूर कसूर जिले के राय कला गांव में रहती हैं। उन्हें गांव की मस्जिद के इमाम काशिफ अली की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। परिवार वालों ने गांव छोड़ा
पुलिस के मुताबिक गांव के इमाम ने 10 अगस्त को मस्जिद से घोषणा करते हुए दोनों महिलाओं पर कुरान के पन्ने जलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद से दोनों महिलाओं के परिवार ने गांव छोड़ दिया है। फिलहाल आरोपी महिलाओं से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि इस घटनाक्रम के बाद पुलिस की एक बड़ी टीम वहां पहुंची ताकि कोई अनहोनी न हो। शहनाज खान भीड़ के उनके स्कूल और घर पहुंचने से पहले ही छिप गई थी। पिछले हफ्ते ईसाई बहनों पर ईशनिंदा का आरोप लगा
पिछले हफ्ते, पंजाब पुलिस ने दो ईसाई बहनों के खिलाफ भी ईशनिंदा का मामला दर्ज किया था। समीया मसीह और सोनिया मसीह पर आरोप लगा कि उन्होंने 7 अगस्त को अपने घर के बाहर कुरान के पन्नों से भरा एक बोरा फेंक दिया था। दोनों की उम्र 20 साल से कम है। समीय और सोनिया लाहौर से 200 किमी दूर टोबा टेक सिंह जिले के गोजरा गांव की रहने वाली हैं। इस मामले में अल्पसंख्यक गठबंधन पाकिस्तान के अध्यक्ष एडवोकेट अकमल भट्टी ने कहा कि ईसाई बहनों के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। पिछले साल पाकिस्तान में 21 चर्च जलाए गए
पिछले साल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जरांवाला में ही कट्टरपंथियों ने 21 चर्च को आग के हवाले कर दिया था। 16 अगस्त 2023 को हुई इस घटना के बाद ईसाइयों के घरों में लूटपाट करके वहां भी आग लगा दी गई थी। कट्टरपंथी समूहों ने आरोप लगाया था कि ये चर्च ईशनिंदा को बढ़ावा दे रहे थे। इस मामले में पुलिस ने 160 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं जरांवाला में 6500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जरांवाला में हिंसा के वक्त वहां पुलिस मौजूद थी, फिर भी उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया था। दंगे की वजह से दुनियाभर के कई देशों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे। ये खबर भी पढ़ें… पाकिस्तान में ईशनिंदा पर एक छात्र को सजा-ए-मौत:दूसरे को उम्रकैद; सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक मैसेज किए थे पाकिस्तान की एक कोर्ट ने ईशनिंदा के दोषी 22 साल के छात्र को मौत की सजा सुनाई है। वहीं, 17 साल के छात्र को उम्रकैद की सजा दी है। ब्रिटिश मीडिया BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों ने व्हाट्सअप पर पैगंबर मुहम्मद को लेकर आपत्तिजनक मैसेज किए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि 22 साल के छात्र ने ऐसे फोटो-वीडियो बनाए थे जिनमें पैगंबर मोहम्मद और उनकी पत्नियों के बारे में आपत्तिजनक शब्द कहे गए थे। 17 साल के छात्र ने इन फोटो-वीडियो को शेयर किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
Credit: Dainik Bhaskar