चेस ओलिंपियाड में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले प्लेयर्स से आज पीएम मोदी ने मुलाकात की। ओलिंपियाड के 97 साल के इतिहास में पहली बार भारत ने ओपन और विमेंस दोनों कैटेगरी में गोल्ड जीते हैं। वहीं आज शाम को 7 बजे ऑल इंडिया चेस फेडरेशन ने खिलाड़ियों को दिल्ली में सम्मानित किया। इसी दौरान फेडरेशन ने गोल्ड जीतने वाली टीम के सभी प्लेयर्स को 25-25 लाख रुपए देने का ऐलान किया। भारतीय महिला टीम से डी हरिका, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, तानिया सचदेवा और वंतिका अग्रवाल शामिल थीं। जबकि मेंस टीम से डी. गुकेश, आर. प्रगनानंदा, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और हरिकृष्ण पेंटाला पीएम मोदी से मिलने पहुंचे। पीएम मोदी से मुलाकात की 3 फोटो… भारत ने 10वें राउंड के बाद ही गोल्ड कन्फर्म कर लिया था
ओपन कैटेगरी में भारत ने 10वें राउंड के बाद ही पहली पोजिशन कन्फर्म कर ली थी, लेकिन विमेंस टीम का गोल्ड 11वें राउंड के बाद कन्फर्म हुआ। क्योंकि दूसरे नंबर पर मौजूद कजाकिस्तान की टीम ने अमेरिका के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ खेल लिया। इस कारण भारत 19 पॉइंट्स के साथ पहले और कजाकिस्तान 18 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर रहा। चेस ओलिंपियाड 10 सितंबर से हंगरी के बुडापेस्ट शहर में हुआ। ओपन टीम टूर्नामेंट में अजेय रही
ओपन टीम ने 10वें राउंड के बाद ही 19 पॉइंट्स हासिल कर गोल्ड कन्फर्म कर लिया था। टीम ने लगातार 8 मैच जीतने के बाद उज्बेकिस्तान के खिलाफ ड्रॉ खेला था। फिर 10वें राउंड में टीम ने अमेरिका और 11वें राउंड में स्लोवेनिया को हराकर गोल्ड जीत लिया। आखिरी राउंड में भारत से गुकेश डोमाराजू, आर प्रागननंदा और अर्जुन इरिगैसी ने अपने-अपने मुकाबले जीते। वहीं विदित संतोष गुजराती ने ड्रॉ खेला और टीम का स्कोर 3.5 तक पहुंचाया। भारत ने 11वां राउंड जीतकर 21 पॉइंट्स हासिल कर लिए। जबकि चीन और अमेरिका 16-16 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर रहे। 1927 में हुआ था पहला चेस ओलिंपियाड
पहले चेस ओलिंपियाड का आयोजन 1924 में हुआ था, हालांकि ये अनऑफिशियल इवेंट था। इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) ने फिर 1927 से ऑफिशियल चेस ओलिंपियाड कराना शुरू किया। 1950 तक ओलिंपियाड हर साल हुआ, वर्ल्ड वॉर के दौरान इसका आयोजन नहीं हुआ। लेकिन 1950 के बाद से इसे हर 2 साल में एक बार आयोजित किया जाने लगा। हंगरी के बुडापेस्ट में 45वें चेस ओलिंपियाड का आयोजन हुआ।
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