पुतिन जाएंगे मंगोलिया, सवाल- क्या उनकी गिरफ्तारी होगी:इंटरनेशनल कोर्ट ने कार्रवाई का आदेश दिया, रूस ने कहा- हमें फिक्र नहीं

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 3 सितंबर को मंगोलिया दौरे पर जाने वाले हैं। इस बीच इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने कहा है कि अगर पुतिन मंगोलिया जाते हैं तो वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें गिरफ्तार करें। कोर्ट के प्रवक्ता डॉ. फादी एल-अब्दल्लाह ने BBC से कहा कि ICC के आदेशों का पालन करना मंगोलिया का फर्ज है। उसे इसमें सहयोग करना चाहिए। मंगोलिया ICC का सदस्य है। वह ICC का आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं है। हालांकि अगर वो पुतिन की गिरफ्तारी नहीं करता तो उसके खिलाफ प्रतीकात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। पिछले साल मार्च में ICC ने पुतिन के खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया था। कोर्ट ने यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के आरोपों के आधार पर पुतिन को वार क्राइम्स के लिए जिम्मेदार माना था। यह पहला मौका था जब ICC ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के किसी स्थायी सदस्य देश के टॉप लीडर के खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया था। ICC के पुतिन के नाम का वारंट जारी करने पर रूस ने ‘अपमानजनक’ बताया था। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस UNSC के स्थायी सदस्य हैं। रूस और चीन के बीच में है मंगोलिया यूक्रेन ने भी गिरफ्तारी की मांग की
यूक्रेन ने भी पुतिन के मंगोलिया जाने पर उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा- हम उम्मीद करते हैं कि मंगोलिया को मालूम होगा कि पुतिन युद्ध अपराधी हैं और ICC ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। वारंट जारी होने के बाद रूसी राष्ट्रपति की किसी ICC मेंबर देश की यह पहली यात्रा होगी। पुतिन वारंट जारी होने के बाद से अब तक 11 देशों की यात्राएं कर चुके हैं। इनमें चीन, नॉर्थ कोरिया, सउदी अरब और UAE जैसे देश शामिल हैं। हालांकि, वे अब तक किसी भी ऐसे देश की यात्रा से बचते रहे हैं जो ICC का मेंबर है। रूस बोला- हमें ICC के वारंट की फिक्र नहीं
रूस पुतिन पर लगे आरोपों को खारिज करता रहा है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक मंगोलिया में गिरफ्तारी के सवाल पर राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन के दौरे को लेकर उन्हें ‘कोई फिक्र नहीं है’। पुतिन की यात्रा मंगोलियाई राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख के निमंत्रण पर हो रही है। 1939 में सोवियत संघ और मंगोलिया की सेना ने मिलकर जापानी सेना को हराया था। 3 सितंबर को इसके 85 साल पूरे हो रहे हैं। पुतिन इसी समारोह का हिस्सा बनने राजधानी उलानबटोर जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव से जब पूछा गया कि क्या पुतिन की यात्रा को लेकर मंगोलिया के साथ गिरफ्तारी वारंट पर चर्चा की गई है? इस पर उन्होंने कहा- मंगोलिया के साथ हमारे अच्छे रिश्ते हैं। हालांकि राष्ट्रपति के दौरे की तैयारी को लेकर हमने सभी सावधानी बरती हैं। मंगोलिया में गिरफ्तार होंगे पुतिन?
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पूर्व अमेरिकी राजदूत और ICC की स्थापना करने वालों में से एक डेविड शेफर ने कहा कि मंगोलिया में पुतिन की गिरफ्तारी की संभावना नहीं है। वे इस यात्रा का इस्तेमाल ICC और यूक्रेन को ताना मारने के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मंगोलिया पुतिन को बुलाकर जोखिम उठा रहा है। उसे ICC और पश्चिमी देशों के दबाव का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि भविष्य में कुछ देश उस पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दें। रिपोर्ट के मुताबिक अगर पुतिन मंगोलिया जाते हैं तो पहली बार नहीं होगा जब ICC के आदेश का उल्लंघन होगा। कोर्ट ने सूडान के पूर्व राष्ट्रपति उमर हसन अल-बशीर के खिलाफ 2009 और 2010 में दो बार अरेस्ट वारंट जारी किया था। इसके बाद भी वे जॉर्डन और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गए थे, जहां उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। हालांकि, दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी। आदेश न मानने पर क्या होगा?
ICC के प्रवक्ता डॉ. अब्दल्लाह का कहना है कि अगर कोई सदस्य देश आदेश का पालन करने से इनकार करता है, तो ICC की नजर इस पर रहेगी। सदस्य देशों की बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी। इसके बाद जो उचित होगा वह कदम उठाया जाएगा। ICC के पास किसी को गिरफ्तार करने की शक्ति नहीं है और अपने आदेश का पालन करने के लिए वह अपने सदस्य देशों पर निर्भर रहता है। भारत, चीन, तुर्की, पाकिस्तान, रूस समेत कई बड़े देश ICC के मेंबर नहीं है इसलिए वे उनके आदेशों को नहीं मानते हैं। 2002 में शुरू हुआ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट
1 जुलाई 2002 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC की शुरुआत हुई थी। ये संस्था दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। ये खबर भी पढ़ें… अमेरिकी सांसदों ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट को चेतावनी दी:कहा- नेतन्याहू और इजराइली अफसरों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया तो अंजाम भुगतना होगा अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ( ICC) को चेतावनी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसदों ने कहा है कि अगर ICC इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित शीर्ष इजराइली अधिकारियों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करता है, तो उसे अंजाम भुगतना होगा। पढ़ें पूरी खबर…

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