अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से जुड़ा सवाल पूछने पर एक ब्रिटिश पत्रकार पर बुरी तरह से नाराज हो गए। दरअसल, पुतिन ने पश्चिमी देशों को धमकी दी थी कि अगर यूक्रेन को लंबी दूरी तक हमला करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक स्काई न्यूज के एक रिपोर्टर ने इसे लेकर बाइडेन से पूछा कि क्या यूक्रेन को इसकी इजाजत मिल रही है? इस सवाल पर बाइडेन ने आपा खो दिया। उन्होंने कहा- ‘जब तक मैं बोल रहा हूं तब तक खामोश रहें। यही ठीक होगा।’ इसके बाद भी जब रिपोर्टर ने अपना सवाल जारी रखा तो बाइडेन और नाराज हो गए। उन्होंने कहा- ‘अब आपको चुप रहना ही होगा। मैं अब बयान देने जा रहा हूं।’ बाइडेन बोले- पुतिन इस जंग को कभी जीत नहीं पाएंगे
यह घटना उस समय हुई जब बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस में एक अहम बैठक कर रहे थे। बाइडेन ने बाद में कहा कि वह पुतिन के बारे में ज्यादा नहीं सोचते। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका, यूक्रेन की मदद के लिए ब्रिटेन के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि पुतिन इस जंग को कभी नहीं जीत पाएंगे। यूक्रेन के लोगों की जीत होगी। वहीं, ब्रिटिश PM ने कहा कि आने वाले कुछ दिन यूक्रेन के लिए अहम हो सकते हैं। आजादी की इस लड़ाई में हमें यूक्रेन का साथ देना होगा। यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत अभी नहीं मिली
स्टार्मर और बाइडेन के बीच व्हाइट हाउस में काफी देर बातचीत हुई मगर उन्होंने यूक्रेन को लंबी दूरी तक हमला करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल करने की अनुमति देने को लेकर कोई संकेत नहीं दिया। जब एक पत्रकार ने स्टार्मर से पूछा कि क्या वे स्टॉर्म शैडो (लंबी दूरी तक हमला करने वाली मिसाइल) का इस्तेमाल करने के लिए बाइडेन को राजी कर पाए? इस पर स्टार्मर ने कोई साफ जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ ये कहा कि उनके और बाइडेन के बीच यूक्रेन को लेकर उपयोगी चर्चा हुई है। पुतिन की चेतावनी के बाद जर्मनी बोला- यूक्रेन को मिसाइल नहीं देंगे
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी थी कि अगर यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की इजाजत मिली तो समझा जाएगा कि NATO, रूस के खिलाफ जंग में उतर चुका है। पुतिन की इस धमकी के बाद जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि वे यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें नहीं भेजेंगे। उन्होंने कहा कि जर्मनी इसे लेकर अपना फैसला नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की इसके लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं। जर्मनी के उलट कनाडा ने यूक्रेन को उन्नत मिसाइल भेजे जाने का पूरा समर्थन किया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यूक्रेन की हिफाजत करने के लिए उसे इसका इस्तेमाल करने की अनुमति मिलनी चाहिए। लंबे समय से अमेरिका से इजाजत मांग रहा यूक्रेन
रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका और ब्रिटेन से लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत मांग रहा है। यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें दी गई हैं, लेकिन वह इसका इस्तेमाल दुश्मनों के खिलाफ अपनी ही सीमा के भीतर कर सकता है। यूक्रेन ने पिछले महीने रूस में घुस कर हमला शुरू किया है। ऐसे में जेलेंस्की चाहते हैं कि इन प्रतिबंधों को हटाया जाए, ताकि वे रूस के भीतर लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल कर सकें। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने पहली बार अक्टूबर 2023 में यूक्रेन को लंबी दूरी की आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दी थीं। ये लगभग 300 किमी तक सटीक निशाना लगा सकती हैं। हाल ही में CNN को दिए गए एक इंटरव्यू में यूक्रेनी रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने कहा था कि रूस, यूक्रेनी शहरों पर हमला करने के लिए जिन ठिकाने का उपयोग करता है, वे इन मिसाइलों की सीमा के भीतर हैं। ये खबर भी पढ़ें… रूस में दागी जा सकती हैं NATO देशों की मिसाइलें: अमेरिका में बाइडेन-ब्रिटिश PM के बीच बैठक; पुतिन बोले- हम जवाब देने को तैयार यूक्रेन को रूस में दूर तक हमला करने वाली मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है। CNN के मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन इस पर विचार कर रहे हैं। अब तक इस पर प्रतिबंध लगा हुआ था, लेकिन यूक्रेन पर लगी ये पाबंदी अब हट सकती है। पूरी खबर पढ़ें…
Posted inInternational