पूर्व अमेरिकी कप्तान एलेक्स मॉर्गन का फुटबॉल से संन्यास:​​​​​​​विमेंस फुटबॉलर को समान वेतन की अवाज उठाई थी; 2 ओलिंपिक मेडल, 2 वर्ल्ड कप जीते

अमेरिका की पूर्व कप्तान एलेक्स मॉर्गन ने रिटायरमेंट ले लिया है। वे एक दिन पहले करियर के आखिरी मुकाबले में सैन डिएगो वेव्स की ओर से विमेंस सॉकर लीग में उतरीं, हालांकि उनकी टीम उत्तरी कैरोलिना के खिलाफ 1-4 से हार गई।डिएगो के लिए यह मॉर्गन का 63वां मैच था। उन्होंने इस लीग में 150वां मुकाबला खेला। 35 साल की मॉर्गन ने 16 साल लंबे इंटरनेशनल करियर में 2 ओलिंपिक मेडल और 2 बार फीफा वर्ल्ड कप जीते। मॉर्गन ने अमेरिका की नेशनल टीम के लिए 224 मैच खेले। वे 9वीं सबसे ज्यादा मैच खेलने वाली और 123 गोल के साथ 5वीं सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ी भी हैं। मॉर्गन वही फुटबॉलर हैं, जिन्होंने सबसे पहले विमेंस प्लेयर्स के लिए समान वेतन की आवाज उठाई थी। 4 दिन पहले कर दिया था ऐलान, सोशल पोस्ट में प्रेगनेंसी की जानकारी दी
मॉर्गन ने 4 दिन पहले ही रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था। एक सोशल पोस्ट के जरिए अमेरिकी फुटबॉलर ने बताया था वे अपना आखिरी मैच खेलने जा रही हैं। इस पोस्ट में मॉर्गन ने दूसरी बार मां बनने की जानकारी भी दी थी। मैसेज में मॉर्गन ने बताया कि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन 2024 के शुरुआत से ही वे जानती थीं कि यह उनका आखिरी फुटबॉल सीजन होने वाला है। विमेंस फुटबॉलर के समान वेतन का मुद्द उठाया
मॉर्गन ने अपनी साथी खिलाड़ियों के साथ अमेरिकी फुटबॉल में महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों के वेतन में असमानता की शिकायत की थी। 2019 में यूएस सॉकर के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ। खिलाड़ियों ने यूएस सॉकर पर लैंगिक भेदभाव और असमान वेतन का आरोप लगाया था। 6 साल की लड़ाई के बाद 2022 में उन्हें सफलता मिली और अमेरिका की महिला एवं पुरुष टीमों को समान वेतन दिए जाने पर समझौता बना। 2 ओलिंपिक और 2 वर्ल्ड कप जीते, पेरिस की टीम में जगह नहीं
नेशनल टीम में मॉर्गन की शुरुआत अंडर-20 लेवल से 2008 में हो गई थी। 2010 में सीनियर टीम में डेब्यू करने के बाद मॉर्गन 22 साल की उम्र में अमेरिका की 2011 विश्व कप टीम की सबसे युवा सदस्य थी। उन्होंने इस विश्व कप के सेमीफाइनल और फाइनल में गोल के साथ लंबे समय के लिए नेशनल टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी। हालांकि, वर्ल्ड कप के फाइनल में अमेरिकी टीम की हार हुई। लेकिन अगले ही साल लंदन ओलिंपिक में गोल्ड मेडल के साथ मॉर्गन को नेशनल फुटबॉल में अपनी पहली बड़ी सफलता मिली। इसके बाद मॉर्गन 2015 और 2019 में फीफा वर्ल्ड कप और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम की भी सदस्य थीं। हालांकि पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम में उन्हें शामिल नहीं किया गया था। अमेरिका की ऑल टाइम बेस्ट-11 में शामिल
मॉर्गन का फुटबॉल करियर उपलब्धियों से भरा है। अपने डेब्यू के दो साल बाद 2012 में ही उन्हें यूएस सॉकर महिला एथलीट ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिल गया था। साथ ही वे फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर की सूची के लिए भी चुनी गई थी। मॉर्गन को चार बार कॉनकाकेफ प्लेयर ऑफ द इयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। वे छः बार फीफा प्रो वुमन्स वर्ल्ड-11 का भी हिस्सा रही हैं। 2013 में मॉर्गन को अमेरिका की ऑल टाइम बेस्ट नेशनल वुमन टीम में शामिल किया गया था। 2022 में उन्हें अमेरिका की नेशनल वुमन सॉकर लीग में गोल्डन बूट अवॉर्ड भी मिला था।

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