पोप बोले- इंडोनेशिया में हर घर में 3-5 बच्चे:यह सभी देशों के लिए मिसाल, वर्ना लोग कुत्ते-बिल्लियां पालना बेहतर समझते हैं

इंडोनेशिया के दौरे पर गए पोप फ्रांसिस ने बुधवार को कहा कि यहां हर घर में 3 से 5 बच्चे होते हैं। यह हर देश के लिए एक मिसाल है। खासकर उन लोगों के लिए जो कुत्ते-बिल्लियों को पालना बेहतर मानते हैं। इंडोनेशिया को यह परंपरा बनाए रखनी चाहिए। पोप के इस बयान पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने ठहाके लगाए। इससे पहले पोप ने मई में भी इटली की राजधानी रोम में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि आजकल घर उदासीन होते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सामानों से तो भरे हैं लेकिन यहां बच्चे नहीं हैं। हालांकि, इन घरों में छोटे कुत्तों और बिल्लियों की कोई कमी नहीं है। इससे पहले 2022 में भी पोप ने लोगों के बच्चों की जगह पालतू जानवरों को प्राथमिकता देने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे दंपती स्वार्थी और मानव सभ्यता के लिए खतरा हैं। पोप ने कहा था, “पालतू जानवरों काे पालकर लोग उनके साथ भावनात्मक रिश्ता तो बना लेते हैं लेकिन पैरेंट और बच्चे के बीच जटिल रिश्ते को कभी अनुभव नहीं कर पाते हैं।” ‘बिना बच्चों वाले लोगों का बुढ़ापा खराब गुजरेगा’
पोप ने कहा था कि जब बच्चे ही नहीं होंगे तो बूढ़े होते लोगों की पेंशन के लिए टैक्स कौन भरेगा? बूढ़े होते लोगों का ख्याल कौन रखेगा। बिना बच्चों वाले लोगों का बुढ़ापा खराब गुजरेगा। इंडोनेशिया में पोप फ्रांसिस के बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनका जमकर मजाक बनाया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, “कुछ लोग मानव सभ्यता पर फोकस करने की जगह अपनी जेब को महत्व दे रहे हैं। आखिरकार जब कुत्ते बड़े होते हैं, तो उनकी ट्यूशन फीस के पैसे नहीं देने पड़ते।” वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि इंडोनेशिया का भविष्य पोप की उम्मीद से इतर काफी खतरे में है, क्योंकि यहां बर्थ रेट में लगातार गिरावट आ रही है। कुछ सालों बाद इंडोनेशिया, जापान जैसा बन जाएगा। इंडोनेशिया में 70 साल में आधा हुआ बर्थ रेट
2022 के आंकड़ों के मुताबिक, इंडोनेशिया की कुल आबादी 27.55 करोड़ है। यहां पर हर महिला औसतन 2 बच्चों को जन्म देती है। हालांकि, वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 1960 से लेकर अब तक इंडोनेशिया का बर्थ रेट आधा हो चुका है। पोप इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर विवाद में रह चुके हैं। CNN के मुताबिक, पोप ने 20 मई को बंद कमरे में हुई एक बैठक के दौरान समलैंगिक पुरुषों पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोग ज्यादा कामुक होते हैं। पोप के इस बयान की LGBTQ समुदाय ने आलोचना की थी। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने माफी भी मांग ली थी।

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