प्रदूषण से धुंध में छिपा ताजमहल:11 शहरों का AQI 300 पार; भिवाड़ी में हवा सबसे खराब, यहां AQI का लेवल 610 रहा

दीपावली से 4 दिन पहले ही देशभर में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। AQI.in के मुताबिक रविवार सुबह 10 बजे तक देश के 11 शहरों का AQI लेवल 300 के पार रिकॉर्ड किया गया। इनमें भिवाड़ी, दिल्ली, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद, जयपुर, बुलंदशहर, अमृतसर, अलीगढ़, सोनीपत और फरीदाबाद का नाम शामिल है। राजस्थान का भिवाड़ी 610 AQI के साथ सबसे खतरनाक हाल में था। वहीं दिल्ली भी गैस चेंबर बन गई है, यहां रविवार सुबह आनंद विहार में 400 पार AQI रिकॉर्ड किया गया था। आगरा में भी प्रदूषण और धुंध के चलते ताजमहल धुंधला नजर आया। वहीं मुंबई के मरीन ड्राइव में भी सुबह स्मॉग की लेयर देखी गई। दिल्ली में पटाखों पर 1 जनवरी 2025 तक बैन
इधर, दिवाली से पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी 2025 तक पटाखों को बैन कर दिया है। सरकार के आदेश के मुताबिक पटाखे बनाने, उन्हें स्टोर करने, बेचने और इस्तेमाल पर बैन है। इतना ही नहीं पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी भी प्रतिबंधित रहेगी। इसमें ग्रीन पटाखे भी शामिल हैं। इस बैन को सख्ती से लागू कराने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है। दिल्ली पुलिस रोज इसकी रिपोर्ट DPCC को सौंपेगी। राजधानी दिल्ली में लागू ग्रैप-1
दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 200 पार होने के बाद दिल्ली NCR में ग्रैप-1 लागू कर दिया गया था। इसके तहत होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर बैन है। कमीशन ऑफ एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने एजेंसियों को पुराने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों (बीएस -III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल) के संचालन पर सख्त निगरानी के आदेश दिए हैं। आयोग ने एजेंसियों से सड़क बनाने, रेनोवेशन प्रोजेक्ट और मेन्टेनेन्स एक्टिविटीज में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और डस्ट रिपीलेंट तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने के लिए भी कहा है। देशभर में प्रदूषण से जुड़ी 4 तस्वीरें…​​ ​​​​​​AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों
AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पोल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा। और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।

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