बांग्लादेश में शेख हसीना पर किडनैपिंग का केस दर्ज:9 साल पुराना मामला; कल हत्या का केस दर्ज हुआ था

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर बुधवार को अपहरण का केस दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता सोहैल राणा सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। अदालत ने हसीना के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। बांग्ला अखबार ढाका पोस्ट के मुताबिक इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक, पूर्व आईजीपी शाहिदुल हक, पूर्व आरएबी डीजी बेनजीर अहमद और रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) के 25 अज्ञात सदस्यों को आरोपी बनाया गया है। शिकायतकर्ता राणा ने कहा कि वह 6 जून को 2015 की रात अपने एक दोस्त के साथ घूम रहा था। तभी RAB के कुछ जवानों ने उसका अपहरण कर लिया। उसे पीटा गया और बिजली के झटके दिए गए। उसे पॉलिटिक्स छोड़ने की धमकी दी गई। 38 दिन बाद 13 अगस्त को उसे रिहा किया गया। इससे पहले मंगलवार को हसीना पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। हिंसा के दौरान पुलिस की गोली से दुकानदार की मौत हुई थी
हसीना के देश छोड़ने के 8वें दिन मंगलवार को उन पर हत्या का केस दर्ज हुआ। हसीना सरकार में गृहमंत्री रहे असदुज्जमान खान, अवामी लीग के महासचिव ओबेदुल कादर और पूर्व आईजी अबदुल्ला अल मामुन सहित दो अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। ये मामला मोहम्मदपुर में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान 19 जुलाई को पुलिस फायरिंग में एक दुकानदार अबु सैयद की पुलिस फायरिंग से मौत से जुड़ा है। ढाका के चीफ मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट ने हत्या की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। देर रात पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान, उनकी पत्नी और दोनों बेटों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। शेख हसीना बोलीं- मुझे देशवासियों से इंसाफ चाहिए
पूर्व पीएम शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद पहली बार बयान जारी किया। उनके बेटे जॉय ने एक पोस्ट में शेख हसीना के हवाले से इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। हसीना ने कहा, ‘जिन बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में देश ने आजादी हासिल की थी, उनका अपमान किया गया है।’ ‘उन्होंने (प्रदर्शनकारियों) मेरे पिता का अपमान किया है, मैं देशवासियों से न्याय की मांग करती हूं।’ शेख हसीना 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ कर भारत आई थीं, तब से वे यहां हैं। शेख हसीना का यह बयान बेटे सजीब वाजिद जॉय के हवाले से सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। शेख हसीना ने बांग्लादेशी नागरिकों से 15 अगस्त अपने पिता शेख मुजीबुर्रहमान की बरसी पर शोक मानने का आग्रह किया। 15 अगस्त 1975 को मुजीबुर्रहमान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दूसरी तरफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 15 अगस्त की छुट्टी कैंसिल कर दी है। प्रदर्शन में मारे गए लोगों को हसीना ने श्रद्धांजलि दी
हसीना ने बयान में कहा कि “जुलाई से अब तक, आंदोलन के नाम पर बर्बरता, आगजनी और हिंसा में कई जाने गई हैं। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जो मेरी तरह अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं।” प्रदर्शनों में कई छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, अवामी लीग के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। हसीना ने कहा कि “मैं मांग करती हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों को सख्त सजा दी जाए।” समय पर चुनाव कराने के लिए भारत से मदद मांगी
बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने भारत से मदद मांगी है। मंगलवार (13 अगस्त) को इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जॉय ने कहा कि भारत ये कोशिश करनी चाहिए कि बांग्लादेश के संविधान के मुताबिक 90 दिनों के भीतर चुनाव हो। जॉय ने कहा कि मुझे यकीन है कि यदि समय पर चुनाव हों और अवामी लीग को प्रचार-प्रसार करने की अनुमति मिले तो हम चुनाव जीत सकते हैं। जॉय ने कहा कि सरकार ने स्टूडेंट प्रोटेस्ट को ठीक से नहीं संभाला जिससे हिंसा हुई। जॉय ने माना कि सरकार को शुरू में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए थी और विवादास्पद आरक्षण के खिलाफ बोलना चाहिए था। अवामी लीग के नेता सेना की बैरिकों में रह रहे
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान ने मंगलवार को कहा कि सेना ने अवामी लीग सरकार के कुछ बड़े नेताओं को शरण दी है। उन्होंने बताया कि इनकी जान को खतरा है। सेना प्रमुख ने कहा, “अगर किसी को अपनी जान का खतरा महसूस होता है, तो हम निश्चित रूप से उन्हें शरण देते हैं, चाहे उनकी जाति और धर्म कुछ भी हो। अगर उनके खिलाफ कोई आरोप या मामला है तो उन पर निश्चित रूप से मुकदमा दर्ज किया जाएगा, लेकिन हम उन पर हमला या एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कार्रवाई नहीं चाहते।” सेना प्रमुख ने दावा किया कि उन पर बाहरी दुनिया का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर कुछ बातचीत हो रही है। हम नहीं चाहते कि अब एक भी घटना हो। हम इस पर नजर रख रहे हैं और अपराधियों को सजा दिलवाएंगे। नाव से भागते हसीना के सलाहकार, मंत्री गिरफ्तार
ढाका पुलिस ने मंगलवार को शेख हसीना के सलाहकार सलमान रहमान और कानून मंत्री रहे अनीसुल हक को गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों को ढाका के सदरघाट में नाव से भागते समय गिरफ्तार किया गया। हसीना के देश छोड़ने के बाद से ये दोनों अंडरग्राउंड थे। ढाका में भारतीय उच्चायोग ने वीजा सेंटर शुरू किया
ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार से वीजा सेंटर को शुरू कर दिया है। हालात बिगड़ने के बाद 6 अगस्त को वीजा सेंटर को बंद कर दिया गया था। भारतीय उच्चायोग ने बताया है कि सेंटर से फिलहाल सीमित संख्या में ही वीजा जारी किए जाएंगे। शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के देश छोड़ने के 8वें दिन मंगलवार को उन पर हत्या का केस दर्ज हुआ है। हसीना सरकार में गृहमंत्री रहे असदुज्जमान खान, अवामी लीग के महासचिव ओबेदुल कादर और पूर्व आईजी अबदुल्ला अल मामुन सहित दो अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। ये मामला मोहम्मदपुर में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान 19 जुलाई को पुलिस फायरिंग में एक दुकानदार अबु सैयद की पुलिस फायरिंग से मौत से जुड़ा है। ढाका के चीफ मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट ने हत्या की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। देर रात पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान, उनकी पत्नी और दोनों बेटों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। ये खबर भी पढ़ें… बांग्लादेश से भागीं शेख हसीना अभी भारत में ही रहेंगी:दावा- अमेरिकी वीजा रद्द, ब्रिटेन में पनाह की उम्मीद नहीं; सेफ हाउस भेजी गईं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं। उनकी ब्रिटेन में पनाह मिलने की उम्मीद टूटती दिख रही हैं। वहां की सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि ब्रिटेन पहुंचने पर उनके खिलाफ बांग्लादेश के प्रदर्शनों के चलते कानूनी कार्रवाई हो सकती है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक फिलहाल शेख हसीना को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया है। दूसरी तरफ बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर दी है। देश की पूर्व PM खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…

Credit: Dainik Bhaskar

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