सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों की भीड़ एक महिला अधिकारी पर दबाव बनाकर उनसे पेपर पर साइन करवा रही है। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो बांग्लादेश का है। जहां चरमपंथी हिंदू सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से बलपूर्वक त्यागपत्र लिखवाकर उन्हें शासकीय सेवा से बाहर कर रहे हैं। इस वीडियो को X पर कई वेरिफाइड और नॉन वेरिफाइड यूजर ने शेयर किया। एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा- बांग्लादेश में इस्लामी हत्यारे जमाते इस्लामी, बीएनपी और उसके साथ खड़े मुसलमान अब हिन्दू सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से बलपूर्वक त्यागपत्र लिखवाकर उन्हें शासकीय सेवा से बाहर कर रहे हैं।
साथ ही वे अभी भी हिंदुओं का नरसंहार एवं महिलाओं का अपहरण एवं बलात्कार तो कर ही रहे हैं। हमारे भारत में, हिंदू थोड़े पैसों के लालच में जिहादियों को मकान-दुकान किराए पर देकर उन्हें पड़ोस में बसा रहे हैं। (अर्काइव) वायरल वीडियो का सच… वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसके की-फ्रेम को रिवर्स सर्च किया। सर्च करने पर हमें ये वीडियो जानकारी के साथ डिजिटल बांग्ला मीडिया नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। चैनल के मुताबिक, बांग्लादेश के काबी नजरूल गवर्नमेंट कॉलेज की प्रिंसिपल अमीना बेगम ने छात्रों के विरोध में इस्तीफा दिया। पड़ताल के अगले चरण में हमने इससे जुड़े की-वर्ड्स गूगल पर सर्च किए। सर्च रिजल्ट में हमें बांग्लादेश की कई लोकल न्यूज वेबसाइट पर इससे जुड़ी खबर मिली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 अगस्त की सुबह काबी नजरूल गवर्नमेंट कॉलेज की प्रिंसिपल अमीना बेगम ने छात्रों के विरोध के चलते इस्तीफा दे दिया। उन पर छात्रों ने भेदभाव का लगाया था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने 11 अगस्त की सुबह प्रिंसिपल ऑफिस घेर लिया। इस दौरान छात्रों ने फेक-फेक के नारे लगाए। उस समय छात्रों की मांग को देखते हुए प्रिंसिपल अमीना बेगम ने एक सफेद कागज पर ‘मैंने इस्तीफा दे दिया’ लिखकर मुहर लगा दी और हस्ताक्षर कर दिया। साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है।
Credit: Dainik Bhaskar