बायजूस-BCCI समझौते पर सुप्रीम कोर्ट की रोक:NCLAT ने सेटलमेंट को मंजूरी दी थी, टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप से जुड़ा है केस

एडटेक कंपनी बायजूस को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को NCLAT के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें फर्म और BCCI के बीच समझौते की अनुमति दी गई थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि बायजूस ने BCCI को जो 158 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है, उसे एक अलग एस्क्रो अकाउंट में रखा जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होनी है। बायजूस ग्रुप की कंपनी के कुछ लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले US बेस्ड ग्लास ट्रस्ट ने 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी। इस अपील में ट्रिब्यूनल के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें बायजूस और BCCI को पेमेंट के मामले को सेटल करने की अनुमति दी गई थी। NCLAT ने बायजूस-BCCI के समझौते को मंजूर किया था
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने 2 अगस्त को बायजूस की पेरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI के बीच हुए समझौते को मंजूर किया था। दोनों पक्षों के बीच यह समझौता 31 जुलाई को हुआ था। एडटेक स्टार्टअप BCCI को स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट का बकाया 158 करोड़ रुपए देने को राजी हो गई। बायजूस को इस राशि का भुगतान 2 अगस्त और 9 अगस्त को करना था। कंपनी का कंट्रोल फिर बायजू रवींद्रन के पास
NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूलन (NCLT) के 16 जुलाई के आदेश को निलंबित कर दिया, जिसमें कंपनी पर दिवालिया कार्रवाई शुरू करने का आदेश था। हालांकि, फैसले के बाद कंपनी का नियंत्रण अब बायजू रवींद्रन के पास वापस आ जाएगा। 16 जुलाई के NCLT के आदेश के बाद बायजू रवींद्रन और कंपनी की बोर्ड से कंट्रोल ले लिया गया था। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2016 के मुताबिक, जिस कंपनी पर दिवालिया की कार्रवाई शुरू होती है, उसके बोर्ड से कंपनी का कंट्रोल ले लिया जाता है। अमेरिकी लेंडर्स की याचिका खारिज
BCCI और बायजूस के बीच समझौते का विरोध थिंक एंड लर्न को कर्ज देने वाले अमेरिकी लेंडर्स ने किया था। हालांकि NCLT ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच यह समझौता कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) यानी कंपनी में पैसा लगाने वालों के सामने हुआ है। साथ ही, समझौते के तहत दी जाने वाली राशि का सोर्स भी उचित है। समझौते पर अमेरिका बेस्ड लेंडर्स ने सवाल उठाए थे… बायजू रवींद्रन के भाई ने कहा पर्सलन फंड से चुकाएंगे
बुधवार (31 जुलाई) को कंपनी के फाउंडर्स के वकील अरुण कथपालिया ने NCLAT को बताया था कि बायजू रवींद्रन के भाई रिजू ने 30 जुलाई को ही BCCI को 50 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है। इसमें 25 करोड़ रुपए 2 अगस्त को और बाकी के 83 करोड़ रुपए 9 अगस्त तक चुकाए जाएंगे। रिजू रवींद्रन ने बताया कि सेटलमेंट की राशि उनकी पर्सनल फंड है, जो 2015 से 2022 से बीच कंपनी के शेयर बेचकर जुटाए गए थे। NCLAT ने कहा- समझौते के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
समझौते को स्वीकार करते हुए NCLAT ने कहा ‘दोनों पक्षों की ओर से दिए गए अंडरटेकिंग और एफिडेविड के आधार पर समझौते को मंजूरी दी जाती है और आदेश (दिवालिया कार्रवाई) को रद्द किया जाता है। हालांकि समझौते के शर्तों का उल्लंघन करने पर इंसॉल्वेंसी यानी दिवालिया कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।’ 2019 में स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट हुआ था
बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और BCCI के बीच 2019 में टीम इंडिया की जर्सी के लिए स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। ये खबर भी पढ़ें… बायजूस BCCI को 158 करोड़ रुपए देने को तैयार: कंपनी 2 और 9 अगस्त को किश्तों में करेगी भुगतान; एक साल पुराना विवाद खत्म एडटेक कंपनी बायजूस स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट के बकाया 158 करोड़ रुपए BCCI को देने को राजी हो गई है। कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन के वकीलों ने 31 जुलाई को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में इसकी जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू होगी: NCLT ने BCCI की याचिका मंजूर की, कंपनी ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप के ₹158 करोड़ नहीं चुकाए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए BCCI की याचिका स्वीकार कर ली है। ये मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और BCCI के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *