मऊगंज हमले में जान गंवाने वाले एएसआई पंचतत्व में विलीन:आदिवासी परिवार ने की थी हत्या; सीएम ने कहा-शहीद का दर्जा मिलेगा, परिवार को 1 करोड़

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में आदिवासी परिवार के हमले में जान गंवाने वाले एएसआई रामचरण गौतम पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले रविवार दोपहर को ASI की पार्थिव देह सतना जिले में गृह ग्राम पवैया पहुंची। तिरंगे में लिपटे शव को देखकर वहां का माहौल गमगीन हो गया। ASI को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।इसके बाद अंत्येष्टि की गई। दरअसल, शाहपुरा के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने कल यानी शनिवार को एक युवक को बंधक बना लिया था। उसे छुड़ाने पहुंचे टीआई संदीप भारती और पुलिस टीम पर आरोपियों ने हमला कर दिया था। तहसीलदार के हाथ-पैर तोड़ दिए थे। हमले में टीआई समेत 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इनमें 4 रीवा के संजय गांधी मेडिकल अस्पताल और बाकी मऊगंज के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं। आदिवासी परिवार ने बंधक बनाए युवक की भी हत्या कर दी थी। इसके बाद गांव में धारा 163 (आपातकालीन स्थिति में) लगाई गई है। यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है। रविवार सुबह प्रभारी मंत्री लखन पटेल गांव पहुंचे। रामचरण के भाई का कहना है कि पुलिस हालात को समझ नहीं सकी, इसलिए बड़ी घटना हो गई। रामचरण परिवार का इकलौता सहारा थे। वे 6 महीने बाद रिटायर होने वाले थे। सीएम बोले- एएसआई गौतम को दिया जाएगा शहीद का दर्जा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मऊगंज के गड़रा गांव में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले एएसआई (25वीं बटालियन) रामचरण गौतम को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके आश्रितों को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। सीएम ने कहा कि शहीद गौतम के पात्र उत्तराधिकारी को सरकारी नौकरी में लिया जाएगा। राजकीय सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार दो दिन का पूरा घटनाक्रम ग्राफिक्स से समझिए परिवार में इकलौते कमाने वाले थे रामचरण
यहां स्थानीय लोगों ने बताया कि गौतम अपने परिवार के एकमात्र सहारा थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। उनकी मौत की खबर से गांव में मातम है। गौतम के बड़े बेटे सुनील और परिजन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। भाई बोला- पुलिस स्थिति को समझ नहीं सकी
एएसआई के बड़े भाई रामजी गौतम का कहना है कि पुलिस स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाई, इसलिए बड़ी घटना हो गई। रामचरण गौतम 1984 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वे वर्तमान में रीवा जिले के शाहपुर में पदस्थ थे। हिंसा के दौरान उनकी ड्यूटी मऊगंज में लगी थी, जहां उपद्रवियों के हमले में जान चली गई। सड़क हादसे में हुई मौत से जुड़ा है पूरा विवाद पूरा विवाद दो महीने पहले हुए एक सड़क हादसे से जुड़ा है। हादसे में अशोक कोल की मौत हो गई थी। आदिवासी परिवार ने इसे हादसा न मानते हुए सनी द्विवेदी नाम के युवक पर हत्या का आरोप लगाया था। शनिवार शाम करीब 4 बजे आदिवासी परिवार ने सनी द्विवेदी को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया और उसकी पिटाई की। मारपीट में सनी की मौत हो गई। SDOP और SI ने कमरे में बंद होकर बचाई जान
युवक को बचाने पहुंची पुलिस पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। एसडीओपी अंकिता शूल्या और एसआई आरती वर्मा ने खुद को गांव में ही एक कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद भारी पुलिस फोर्स पहुंचा। फायरिंग करते हुए पुलिस अंदर घुसी और बंधक बनी एसआई-एसडीओपी को बाहर लाई। सनी द्विवेदी के शव को भी बाहर लाया गया। हमले के बाद की 8 तस्वीरें देखिए… TI-तहसीलदार समेत 10 घायल
हमले में एसएएफ के एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। घटना में घायल शाहपुर थाना प्रभारी शाहपुर संदीप भारती, हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका, एएसआई जवाहर सिंह यादव, राम केवट, राम लखन मिश्रा को रीवा रेफर किया गया है। वहीं, विकास पांडेय, प्रीति यादव, रामवचन यादव, देववती सिंह, बृहस्पति पटेल को सिविल अस्पताल और आशीर्वाद हॉस्पिटल, मऊगंज में भर्ती कराया गया है। मृतक एएसआई रामचरण गौतम, 25वीं बटालियन भोपाल में थे। वे सतना के कोठी थाना इलाके के पवैया गांव के रहने वाले थे। 8 महीने बाद उनका रिटायरमेंट था। एक वजह जमीन विवाद भी बताई जा रही
स्थानीय लोगों ने बताया कि रजनीश द्विवेदी की गड़रा गांव में जमीन है। गांव का ही रहने वाला अशोक कोल (आदिवासी) उनके यहां अधिया पर काम करता था। कुछ दिन पहले अशोक ने इसी जमीन से लगी भूमि को खरीद लिया था। लोगों का कहना है कि सनी और उसके परिवार वालों को यह बात अच्छी नहीं लगी। करीब दो महीने पहले अशोक रजिस्ट्री करवाने के लिए हनुमना गया था। बाइक से लौटते वक्त सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई थी। परिवार वालों का आरोप था कि सनी ने उसकी हत्या की है। पुलिस ने हादसा कहा, परिजन हत्या बता रहे थे
शाहपुर थाने के तत्कालीन टीआई जगदीश ठाकुर ने बताया था कि अशोक की बाइक भैंस से टकरा गई थी। इसी कारण वह गिर गया था, जिससे गंभीर घायल होने से मौत हुई है। अशोक के परिवार वाले हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसी के बाद से अशोक के परिवार वालों ने द्विवेदी परिवार से दुश्मनी मान ली। शनिवार दोपहर को आरोपियों ने सनी को पकड़ा था
लोगों का कहना है कि दोपहर करीब 1:30 बजे सनी घूमते हुए आरोपियों के मोहल्ले में चला गया था। इसी दौरान अशोक के परिवार वालों ने उसे पकड़कर बंधक बना लिया। मारपीट भी की। इससे उसकी मौत हो गई। कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। आसपास के गांव के आदिवासी समाज के करीब 250 लोग इकट्‌ठा हो गए। पुलिस पहुंची तो उस पर हमला कर दिया। मंत्री लखन पटेल बोले- पुलिस अपना काम कर रही है
प्रभारी मंत्री लखन पटेल और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल रीवा अस्पताल में भर्ती पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे। प्रभारी मंत्री ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस अपना काम कर रही है। पुलिस पर किसी तरह के दबाव से उन्होंने इनकार किया।
विधायक प्रदीप पटेल ने कहा कि घटना की जांच की जाएगी। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। मऊगंज में नशे का कारोबार फल–फूल रहा है। इसके कारण पहले भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार सीएम ने दुख जताया, कांग्रेस ने इस्तीफा मांगा ये खबर भी पढ़ें… भिंड कलेक्टर पर रेत माफिया का हमला भिंड कलेक्टर पर गुरुवार देर रात रेत माफिया ने हमला कर दिया। कलेक्टर उमरी इलाके में रेत का अवैध खनन रोकने गए थे। बदमाशों ने रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ाने के लिए पथराव कर दिया। कलेक्टर के सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग कर बदमाशों को खदेड़ा। पढ़ें पूरी खबर…

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