जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर दोगुना होकर 696 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में नेट प्रॉफिट ₹314 करोड़ था। रिजल्ट के बाद कंपनी के शेयर में 3% से ज्यादा की तेजी रही। ये 4,984 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। एक साल में मझगांव डॉक के शेयर ने करीब 168% का रिटर्न दिया है। मझगांव डॉक ने आज यानी 14 अगस्त को पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। मझगांव डॉक का रेवेन्यू 8.51% बढ़कर 2,357 करोड़ रुपए
कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू 2,357 करोड़ रुपए रहा। सालाना आधार पर इसमें 8.51% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 2172 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू कहते हैं। कोचीन शिपयार्ड का मुनाफा 76% बढ़कर 174 करोड़ रुपए
इससे पहले, एक और शिप बिल्डिंग कंपनी कोचीन शिपयार्ड ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए थे। कोचीन शिपयार्ड का पहली तिमाही में मुनाफा 76% बढ़कर 174 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 99 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू 771 करोड़ रुपए रहा। सालाना आधार पर इसमें 62% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 476 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू कहते हैं। 1774 में ड्राय डॉक बनाने से हुई थी कंपनी की शुरुआत
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड जहाज बनाने वाली लीडिंग सरकारी कंपनी है। इसका इतिहास 1774 से मिलता है, जब मझगांव में एक छोटा ड्राय डॉक बनाया गया था। धीरे-धीरे से बढ़ती गई और 1934 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में इनकॉरपोरेट किया गया। 1960 में सरकार ने इसका टेकओवर कर लिया जिसके बाद, मझगांव डॉक तेजी से विकसित हुई और भारत की प्रमुख वॉर-शिपबिल्डिंग यार्ड बन गई। 1960 के बाद से, मझगांव डॉक ने कुल 801 जहाजों का निर्माण किया है। इसमें 27 वॉरशिप्स और 7 सबमरीन शामिल है। कंपनी ने भारत के साथ-साथ विदेशों में विभिन्न ग्राहकों के लिए कार्गो शिप, पैसेंजर शिप, सप्लाई वेसल्स, मल्टीपर्पज सपोर्ट वेसल, वॉटर टैंकर्स की भी डिलीवरी की है। मार्च तिमाही तक 84.8% हिस्सेदारी के साथ सरकार मझगांव डॉक में सबसे बड़ी शेयरधारक बनी हुई है।
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