पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने पुणे में दूसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड से मिली हार के लिए भारतीय बल्लेबाजों को जिम्मेदार माना है। साथ ही उन्होंने सरफराज खान से पहले वॉशिंगटन सुंदर को बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट करने के लिए कप्तान रोहित शर्मा की आलोचना की है। पुणे टेस्ट में भारत को हराने के साथ ही न्यूजीलैंड ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली है और सीरीज पर भी कब्जा जमा लिया है। भारत को 12 साल बाद घरेलू सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है। संजय ने क्रिकेट की वेबसाइट क्रिकइंफो से पुणे टेस्ट में भारतीय हार के वजहों पर बातचीत की। स्पिनर्स को खेलने में हुई दिक्कत
मांजरेकर ने कहा कि विराट कोहली एक बार फिर मिशेल सेंटरनर की गेंद की लंबाई का सही आंकलन नहीं कर पाए और गलत शॉट खेल कर आउट हो गए। वहीं कप्तान रोहित शर्मा स्पिन के खिलाफ कम आत्मविश्वास में दिखे। भाारत के टॉप-4 बल्लेबाजों में से 3 खिलाड़ियों में स्पिन के खिलाफ आत्मविश्वास की कमी नजर आईं। ऐसी पिचों पर पहले और आधे सेशन में स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है। मांजरेकर ने कहा कि अगर भारत ने अपने डिफेंस को थोड़ा और मजबूत किया होता, तो चीजें आसान हो सकती थीं। अगर भारत पहले बहुत ज्यादा विकेट नहीं खोता तो ऋषभ पंत, वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा इस मैच को बहुत करीबी बना सकते थे। उन्होंने कहा कि शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जब क्रीज पर थे, तो लगा कि वह मैच को भारतीय पक्ष में कर सकते हैं। गिल स्पिनर के सामने संघर्ष करते नजर आए। वॉशिंगटन को प्रमोट करना सही नहीं था
संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज सरफराज खान से पहले ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को बल्लेबाजी के लिए भेजना सही नहीं था। वॉशिंगटन सुंदर को उनके ऊपर भेजना क्योंकि वह बाएं हाथ का बल्लेबाज है, इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए। ——————————————————-
स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… न्यूजीलैंड से भारत की हार के टॉप-5 फैक्टर्स:दोनों टेस्ट की पहली पारी में फ्लॉप शो, IPL रिटेंशन और मेगा ऑक्शन ने ध्यान भटकाया भारतीय क्रिकेट टीम का घर में टेस्ट सीरीज न हारने का सिलसिला 12 साल और 18 सीरीज के बाद थम गया। न्यूजीलैंड ने तीन में से शुरुआती दो टेस्ट जीतकर 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। सवाल उठता है कि न्यूजीलैंड ने इतने बड़े कारनामे को अंजाम कैसे दे दिया। पिछले 12 साल में जो काम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमें नहीं कर पाईं उसे कीवियों ने कैसे कर दिखाया। इन सवालों के जवाब 5 फैक्टर्स में। पढ़ें पूरी खबर
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