महाराष्ट्र के मुंबई में मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है। मलाड ईस्ट में 27 साल के व्यक्ति को 10-15 लोगों ने उसके परिवार के सामने पीट-पीटकर मार डाला। घटना 12 अक्टूबर की है। सोमवार को घटना का वीडियो वायरल हुआ। ओवरटेकिंग को लेकर उसकी एक ऑटो ड्राइवर से बहस हो गई, जिसके बाद कई ऑटो ड्राइवरों और स्थानीय दुकानदारों ने उससे मारपीट की। विक्टिम की मां उसे बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गई, तो भीड़ ने उन्हें भी लातें मारीं। वहीं, मारपीट में विक्टिम की पत्नी का मिसकैरिज हो गया। विक्टिम के पिता ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो उन्हें आंख में चोट आई। इससे उनकी बाईं आंख परमानेंट डैमेज हो गई। दशहरे पर कार खरीदने जा रहा था परिवार
शुरुआती जानकारी के मुताबिक विक्टिम महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का मेंबर था। उसका नाम आकाश मैने बताया जा रहा है। वह 12 अक्टूबर को दशहरे पर अपने परिवार के साथ नई कार खरीदने जा रहा था, तभी यह घटना हुई। मलाड रेलवे स्टेशन के पास एक ऑटो ने उसकी कार को ओवरटेक किया, जिसके चलते एक रिक्शा ड्राइवर और आकाश के बीच कहासुनी हो गई। विवाद बढ़ने के बाद रिक्शा ड्राइवर ने अपने दोस्तों और स्थानीय दुकानदारों के साथ मिलकर आकाश पर हमला कर दिया। वे लोग आकाश को लगातार लातें मारते रहे। इससे उसे गंभीर चोटें आईं। उसे एक अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां आकाश ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया
इस घटना को लेकर डिंडोशी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि मुंबई के गोरेगांव में ओवरटेकिंग को लेकर झड़प हुई, जिसमें एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर एक कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 22 अक्टूबर तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। मॉब लिंचिंग से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बीफ रखने के शक में ट्रेन में बुजुर्ग से मारपीट:लोग तमाशा देखते रहे, घटना का वीडियो वायरल; 5 से ज्यादा लोगों के खिलाफ FIR महाराष्ट्र में चलती ट्रेन में एक बुजुर्ग से मारपीट की घटना सामने आई है। साथी पेसेंजर्स ने बुजुर्ग पर बीफ लेकर चलने का आरोप लगाते हुए उन्हें थप्पड़ मारे और गालियां भी दीं। इस दौरान ट्रेन में बैठे बाकी लोग चुपचाप तमाशा देखते रहे। पूरी खबर यहां पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट बोला- मॉब लिंचिंग को धर्म से जोड़ना गलत:ऐसे मामलों में सिलेक्टिव न हों; याचिका में कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र नहीं था सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल को कहा था कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं को धर्म के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच मॉब लिंचिंग से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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