प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें बधाई दी। खड़गे ने PM को एक चिट्ठी भी लिखी है। इसमें राहुल गांधी के खिलाफ हेट स्पीच पर चिंता जताई। खड़गे ने कहा- ‘भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं द्वारा लगातार राहुल गांधी के लिए बेहद आपत्तिजनक और हिंसक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपसे आग्रह है कि ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएं।’ दरअसल, पिछले हफ्ते एक भाजपा नेता, एक केंद्रीय मंत्री और एक शिवसेना विधायक ने राहुल गांधी के खिलाफ बयान दिया था। खड़गे ने इसे राजनीतिक पतन बताते हुए PM से सख्त कार्रवाई की मांग की है। राहुल के खिलाफ BJP और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के 3 बयान… 1. तरविंदर सिंह मारवाह : दिल्ली में राहुल गांधी के घर के बाहर 11 सितंबर को भाजपा ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल को मारने की धमकी देने का आरोप लगा। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘BJP नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष को हत्या की धमकी दे रहा है। ये बेहद गंभीर मामला है। ये भाजपा की नफरत की फैक्ट्री का प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। PM मोदी अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर चुप नहीं रह सकते। ‘राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा, जो तेरी दादी का हुआ। – तरविंदर सिंह, भाजपा नेता 2. केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने 15 सितंबर को कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को आतंकवादी बताया। उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी हिंदुस्तानी नहीं हैं। उनको भारत से प्यार भी नहीं है। राहुल ने पहले मुसलमानों का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो वे अब सिखों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘राहुल गांधी देश के नंबर वन टेररिस्ट हैं। उनको पकड़ने वाले को इनाम दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। देश की एजेंसियों को उन पर नजर रखनी चाहिए।’ दरअसल, राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी और कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं। कांग्रेस का जवाब: केंद्रीय मंत्री के बयान पर पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जिसने राहुल गांधी के आगे-पीछे घूमकर अपना राजनीतिक करियर बनाया, वो सत्ता के लालच में विरोधियों की गोदी में बैठ कर सस्ते बयान दे रहा है। रवनीत बिट्टू को शास्त्रों में आस्तीन का सांप कहा गया है। 3. संजय गायकवाड़: 16 सितंबर को महाराष्ट्र के बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, ‘राहुल गांधी पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। उन्हें इसका इनाम मिलेगा, जो भी राहुल की जीभ काटेगा, उसे 11 लाख रुपए दिए जाएंगे।’ संजय ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में संविधान खतरे में होने का फर्जी नैरेटिव सेट कर वोट हासिल किए। आज वे आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस पिछड़े वर्ग, ओबीसी और आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहती है। बुलढाणा में संजय पर FIR दर्ज कर ली गई है। राहुल गांधी के सिख वाले बयान पर हंगामा
राहुल गांधी पिछले दिनों अमेरिका दौरे पर थे। भारत में आरक्षण कब तक चलेगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, “कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।” साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं। राहुल गांधी के इस बयान पर देशभर में उनका विरोध हुआ था। हालांकि राहुल गांधी ने कहा था कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। ये खबर भी पढ़ें… धनखड़ ने कहा- नेता विपक्ष की मानसिकता संविधान विरोधी मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की आरक्षण खत्म करने वाली टिप्पणी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश और संविधान की आत्मा है। यह सकारात्मक सोच है, नकारात्मक नहीं। यह किसी को अवसर से वंचित नहीं कर रही, बल्कि मजबूत स्तंभ के रूप में समाज को सहारा दे रही है। पूरी खबर पढ़ें …
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