ऑनलाइन रिव्यू प्लेटफॉर्म येल्प ने गूगल पर मुकदमा दायर किया है। येल्प ने आरोप लगाया है कि गूगल एडवरटाइजिंग मार्केट से अपने कॉम्पिटिटर्स को समाप्त कर अपनी मोनॉपली बनाना चाहता है। येल्प के CEO और को-फाउंडर जेरेमी स्टॉपेलमैन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि गूगल ने लोकल सर्च और लोकल सर्च एडवरटाइजमेंट मार्केट पर हावी होने के लिए अपने मोनॉपली का दुरुपयोग किया है। येल्प ने ऐसे समय में मुकदमा किया है जब एक अमेरिकी फेडरल जज ने हाल ही में कहा कि गूगल ने पिछले एक साल से जनरल सर्च मार्केट में अवैध रूप से एकाधिकार बनाए रखा है। गूगल अपने कंटेंट को ज्यादा बेहतर बताता है
येल्प ने बताया कि जब कोई यूजर गूगल पर कंटेंट सर्च करता है, तो गूगल अपने लोकल सर्च ऑफर को अपने कॉम्पिटिटर की तुलना में बेहतर बताने के लिए अपने रिजल्ट्स में हेरफेर करता है। उन्होंने कहा कि भले ही उसका अपना कंटेंट तुलनात्मक रूप से खराब क्वालिटी का हो, लेकिन वह उसे ज्यादा प्रमोट करता है। वह खुद के कंटेंट को क्वालिटी रैंकिंग सिस्टम में छूट भी दे देता है। येल्प ने कहा- गूगल को एंटी-कॉम्पिटिटिव काम करने से रोकना है
स्टॉपेलमैन ने कहा, ‘अपने इस कार्रवाई से हम कॉम्पिटिशन और कंज्यूमर चॉइस की रक्षा करने के साथ-साथ नुकसान की भरपाई करने और गूगल को एंटी-कॉम्पिटिटिव काम करने से रोकना है, ताकि इनोवेशन का ग्रोथ हो सके।’ गूगल ने कहा- येल्प के दावे नए नहीं हैं
येल्प के आरोपों पर गूगल के प्रवक्ता ने कहा, ‘येल्प के दावे नए नहीं हैं। इसी तरह के दावों को सालों पहले FTC और हाल ही में DOJ के मामले में जज ने खारिज कर दिया था। येल्प ने जिस फैसले का हवाला दिया है, उसके दूसरे पहलुओं पर हम अपील कर रहे हैं। गूगल येल्प के बेबुनियाद दावों के खिलाफ पूरी ताकत से बचाव करेगा।’ इस साल अल्फाबेट के शेयर ने 17.87% रिटर्न दिया
ग्लोबल शेयर मार्केट में गिरावट के बीच गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट का शेयर बीते दिन 1.13% की गिरावट के साथ 164.50 डॉलर पर बंद हुआ। पिछले 5 दिन में इसका शेयर 2.79% और एक महीने में 3.87% गिरा है। वहीं, 6 महीने में अल्फाबेट के शेयर ने 19.70% और एक साल में 24.82% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक गूगल का शेयर 17.87% चढ़ा है। अमेरिकी जज ने भी माना गूगल की मोनॉपली इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी जज अमित मेहता ने कहा कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च में मोनॉपली बनाए रखने के लिए अवैध रूप से काम किया। इसके लिए गूगल ने अरबों डॉलर खर्च किए, कॉम्पिटिशन को कुचलने और इनोवेशन को दबाने के लिए अपने प्रभुत्व का फायदा उठाया। यह फैसला एक मुकदमे में लगभग एक साल तक चली मुकदमेबाजी के बाद आया है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एपल के अधिकारियों की ओर से दिए गए एविडेंस और गवाहों की समीक्षा के बाद जज अमित मेहता ने सोमवार (5 अगस्त) को 277 पेज का डिसीजन दिया। गूगल के ग्लोबल मामलों के चेयरमैन केंट वॉकर ने कहा कि कंपनी इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। गूगल का प्रभुत्व उसके मोनॉपली का प्रमाण
फैसले में पाया गया कि सर्च मार्केट में गूगल का प्रभुत्व उसके मोनोपॉली का प्रमाण है। नॉर्मल सर्च सर्विस में गूगल की 89.2% हिस्सेदारी है, जो मोबाइल पर 94.9% है। जज मेहता के फैसले ने नए मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर अपने सर्च इंजन को डिफॉल्ट बनाने के लिए गूगल की ओर से हर साल खर्च किए जाने वाले अरबों डॉलर को हाइलाइट किया। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने इस फैसले को अमेरिकी लोगों के लिए एक ऐतिहासिक जीत बताया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब अगले चरण में लंबी कानूनी कार्यवाही और अपीलें शामिल हो सकती हैं, जो संभावित रूप से 2026 तक बढ़ सकती हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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