यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। पहले दिन सुनवाई के बाद अब 23 सितंबर को सुनवाई होनी है। इस बीच आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी से बड़े और नामी वकीलों को खड़े करने की तैयारी में है। हालांकि ये अभ्यर्थी सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के सभी बड़े नेताओं से मुलाकात कर इस मामले में न्याय दिलाने में मदद करने की गुहार लगा रहे हैं। एक दिन पहले यानी बुधवार को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश को लागू करने के लिए आंदोलन कर रहे इन अभ्यर्थियों ने बसपा मुख्यालय में मायावती से मिलकर उन्हें ज्ञापन देकर भर्ती में आरक्षण विसंगति के बारे में बताया। साथ ही उनसे इस मामले को लेकर सीएम योगी को पत्र लिखने की गुहार लगाई थी। बोले- हमारे समाज में मायावती से बड़ा कोई नेता नहीं
मायावती से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल के सदस्य वीरेंद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से बताया था कि हम लोगों ने जब भी बहन जी से मुलाकात का समय मांगा, उन्होंने हम लोगों को तुरंत बुलाया है। आज भी उनसे मुलाकात हुई है। हमारे समाज में उनसे बड़ा कोई नेता नही है। हमने उनसे यही निवेदन किया है कि हम लोगों के हितों की रक्षा लिए सीएम को एक पत्र लिख दें। उन्होंने हमें पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया हैं। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री के आवास का किया था घेराव इससे पहले मंगलवार को 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव करने पहुंचे थे। इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सामान्य वर्ग के चयनित सुप्रीम कोर्ट गए थे, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। मामले की सुनवाई 23 सितंबर को हैं। 16 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिया आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 16 अगस्त को 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था- बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा था, कि नई चयन सूची में 1981 के नियम के तहत आरक्षण अधिनियम 1994 के मुताबिक आरक्षण नीति का पालन किया जाए। अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की मेरिट सामान्य श्रेणी के बराबर आए तो वह सामान्य श्रेणी में माना जाएगा। इन निर्देशों के तहत ऊपरी क्रम में आरक्षण दिया जाएगा। फैसले के बाद लखनऊ पहुंचे थे अभ्यर्थी हाई कोर्ट के फैसले के बाद OBC-SC वर्ग के अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचे थे। सरकार से नई सूची जारी करने की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय कैंपस में 20 अगस्त से 24 अगस्त तक प्रदर्शन किया था। इसी बीच सामान्य वर्ग के चयनितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। इधर सामान्य वर्ग के करीब 10 हजार चयनित भी एक दिन के लिए शिक्षा निदेशालय पहुंचे थे। उनका कहना था कि वे चार साल से नौकरी कर रहे हैं। नौकरी पर संकट नहीं आना चाहिए। ओबीसी-एससी अभ्यर्थियों को 25 अगस्त को शिक्षा निदेशालय से इको गार्डन में शिफ्ट किया गया था। 2 सितंबर को डिप्टी सीएम के आवास का घेराव किया OBC-SC अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया और मुलाकात की। डिप्टी सीएम ने उन्हें न्याय का भरोसा दिया। अगले दिन अभ्यर्थियों ने अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आवास का घेराव किया। इसी तरह से भूपेंद्र चौधरी, ओम प्रकाश राजभर और संजय निषाद के भी आवास को घेरा।
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