चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बतौर रेडियो अनाउंसर काम कर चुके है। ऑल इंडिया रेडियो को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे 1975 में मुंबई से दिल्ली चले गए थे। तब उन्होंने आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया था। इसके बाद उन्होंने हिंदी – अंग्रेजी में कई रेडियो शो किए। वही कई वेस्टर्न म्यूजिक शो भी किए थे। उन्होंने रेडियो से अपना निजी जुड़ाव बताया। मां के साथ अक्सर स्टूडियो जाते थे
CJI ने अपने बचपन को याद करते हुए बताया, उनकी मां क्लासिकल सिंगर थी, जो अक्सर ऑल इंडिया रेडियो पर शो करती थी। इस दौरान CJI भी उनके साथ मुंबई स्टूडियो जाया करते थे। उन्होंने बताया कि वे अपने माता- पिता के साथ हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा के न्यूज बुलेटिन सुनते हुए बड़े हुए है। चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे
CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश का 50वां चीफ जस्टिस (CJI) नियुक्त किया था। उन्होंने 9 नवंबर 2022 को चीफ जस्टिस पद की शपथ ली थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक यानी करीब 7 साल रहा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं। नोएडा ट्विन टावर केस – नोएडा में सुपर टेक के दोनों टावर 28 अगस्त को गिराए गए थे। 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिया था। ट्विन टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया था। हादिया केस – केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया (25) ने शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से 2016 में शादी की थी। लड़की के पिता का आरोप था कि यह लव जिहाद का मामला है। उनकी बेटी का धर्म बदलवा कर जबरदस्ती शादी की गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने शादी रद्द कर दी और हादिया को उसके माता-पिता के पास रखने का आदेश दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने हादिया की शादी रद्द करने से संबंधित केरल हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया। निजता को मौलिक अधिकार माना – 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार माना। इस बेंच में चंद्रचूड़ भी शामिल थे। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा- एडीएम जबलपुर मामले में बहुमत के फैसले में गंभीर खामियां थीं। संविधान को स्वीकार करके भारत के लोगों ने अपना जीवन और निजी आजादी सरकार के समक्ष आत्मसमर्पित नहीं कर दी है। अविवाहिता को भी अबॉर्शन का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया, फिर चाहें वो विवाहित हों या अविवाहित। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी को है। बेंच की अगुआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे। CJI से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 11 नवंबर को जस्टिस संजीव खन्ना अगले CJI पद की शपथ लेंगे। 6 महीने के लिए कार्यकाल रहेगा जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस होंगे। वे 11 नवंबर को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। CJI चंद्रचूड़ के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना का नाम आगे बढ़ाया था। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। पूरी खबर पढ़े… सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की नई मूर्ति: आंख से पट्टी हटी, हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब सुप्रीम कोर्ट में ‘लेडी ऑफ जस्टिस’ यानी न्याय की देवी की नई मूर्ति लगाई गई। इस मूर्ति की आंखों से पट्टी हटा दी गई है, जो अब तक कानून के अंधे होने का संकेत देती थी। वहीं, उसके हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब दी गई है। यह मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है। पूरी खबर पढ़े…
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