साहित्य के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा हो गई है। इस साल ये प्राइज साउथ कोरिया की हान कांग को मिला है। उन्हें जीवन की मार्मिक कहानियों को खूबसूरत अंदाज में पेश करने के लिए सम्मान मिला है। हान कांग ने 1993 में अपने करियर की शुरुआत कविताएं लिखने के साथ की थी। 1995 में उन्होंने कहानियां लिखना शुरू कर दिया था। हान कांग नोबेल प्राइज जीतने वाली 18वीं और पहली कोरियाई महिला हैं। इससे पहले उन्होंने 2016 में उपन्यास ‘द वेजिटेरियन’ के लिए मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज भी जीता था। इस उपन्यास ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी। नोबेल कमेटी ने हान कांग की एक नॉवेल ‘ग्रीक लेसन’ की खासतौर पर चर्चा की है। ये एक लड़की की कहानी है जो अपने जीवन के कष्टों की वजह से आवाज खो चुकी होती है। उसकी मुलाकात एक ग्रीक पढ़ाने वाले टीचर से होती है जो अपनी आंखों की रोशनी खो रहा है। ये नॉवेल दो इंसानों के बीच बातचीत की बाधाएं होने के बावजूद पनपे रिश्ते को खूबसूरती से बयां करती है। इससे पहले मेडिसिन, फिजिक्स और केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज की घोषणा हो चुकी है। मेडिसिन के लिए विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन, फिजिक्स के लिए जैफ्री ई. हिंटन और जॉन जे. होपफील्ड और केमिस्ट्री का नोबेल डेविड बेकर, जॉन जम्पर और डेमिस हसाबिस को दिया गया है। नोबेल कमेटी पर चुनिंदा देशों के नागरिकों को प्राइज देने के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए इस बार कमेटी ने इस दायरे को बढ़ाते हुए साउथ कोरिया की लेखिका को प्राइज दिया है। ये नोबेल प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन 14 अक्टूबर तक चलेगा। विजेताओं को 8.90 करोड़ की इनाम राशि दी जा रही है। नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को मिला था 2023 में साहित्य का नोबेल साहित्य का नोबेल प्राइज 2023 में नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को दिया गया था। उन्हें ये प्राइज उनके नाटकों और कहानियों के लिए दिया गया था। उन्होंने नाटकों और कहानियों के जरिए उन लोगों को आवाज दी है जो अपनी बातें कहने में सक्षम नहीं थे। जॉन ने अपने नाटकों में ड्रामा के जरिए उन इंसानी भावनाओं को जाहिर किया है जो आमतौर पर जाहिर नहीं की जा सकती हैं। जिसे समाज में टैबू समझा जाता है। जॉन ने अपने पहले ही उपन्यास रेड एंड ब्लैक में आत्महत्या जैसे गहरे और संवेदनशील मुद्दे पर लिखा था। इनकी मशहूर किताबों में पतझड़ का सपना भी शामिल है। साहित्य में अब तक 120 लोगों को नोबेल मिला है। इसमें केवल 17 महिलाएं हैं। इसकी वजह से नोबेल कमेटी की काफी आलोचना भी होती है। नोबेल प्राइज के बारे में जानते हैं…
27 नवंबर 1895 को अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी अंतिम वसीयत और वसीयतनामा पर हस्ताक्षर किए। इससे उन्होंने अपने वसीयत का सबसे बड़ा हिस्सा पुरस्कारों की एक सीरीज, नोबेल प्राइज को दे दिया। नोबेल प्राइज फिजियोलॉजी, मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, लिटरेचर, पीस और इकोनॉमिक साइंस के क्षेत्र में दिया जाता है। ————————————————- नोबेल प्राइज 2024 से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… केमिस्ट्री का नोबेल 2 अमेरिकी और एक ब्रिटिश वैज्ञानिक को:प्रोटीन का स्ट्रक्चर समझाने वाला AI मॉडल बनाया; 190 देशों में हो रहा इस्तेमाल केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा बुधवार, 9 अक्टूबर को हुई। इस साल ये प्राइज 3 वैज्ञानिकों को मिला है। इनमें अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड बेकर, जॉन जम्पर और ब्रिटिश वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस शामिल हैं। प्राइज को दो हिस्सों में बांटा गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें… AI के गॉडफादर और अमेरिकी वैज्ञानिक को फिजिक्स का नोबेल:मशीनों में सोचने की समझ पैदा करने के लिए मिला सम्मान फिजिक्स में 2024 का नोबेल प्राइज AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे. होपफील्ड को मिला है। उन्हें मशीन लर्निंग से जुड़ी नई तकनीकों के विकास के लिए ये सम्मान दिया गया है जो आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित है। इससे मशीनों को इंसानी दिमाग की तरह सोचना और समझना सिखाया जाता है। पूरी खबर यहां पढ़ें… मेडिसिन का नोबेल दो अमेरिकी वैज्ञानिकों को:माइक्रो RNA की खोज के लिए मिला सम्मान, ये कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की पहचान में मददगार नोबेल प्राइज 2024 के लिए विजेताओं की घोषणा सोमवार, 7 अक्टूबर से शुरू हुई। पहले दिन मेडिसिन या फिजियोलॉजी के क्षेत्र में नोबेल प्राइज की घोषणा की हुई। 2024 के मेडिसिन का नोबेल प्राइज विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को मिला है। उन्हें ये प्राइज माइक्रो RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) की खोज के लिए दिया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
Posted inInternational