खराब मौसम और सब्जियों के महंगे होने से सितंबर महीने में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.49% पर पहुंच गई है। अगस्त में ये 3.65% पर थी। यह 9 महीने के उच्चतम स्तर पर है। वहीं, खाद्य महंगाई दर 5.66% से बढ़कर 9.24% हो गई है। शहरी महंगाई भी महीने-दर-महीने आधार पर 3.14% से बढ़कर 5.05% हो गई है। ग्रामीण महंगाई 4.16% से बढ़कर 5.87% पर पहुंच गई है। सितंबर 2023 में खाद्य महंगाई 5.66% थी, अब 9.24% पर आई महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महंगाई महीने-दर-महीने आधार पर 5.66% से बढ़कर 9.24% हो गई है। वहीं एक साल पहले अगस्त 2023 में खाद्य महंगाई 6.62% रही थी। यानी, सालाना आधार पर भी ये बढ़ी है। महंगाई कैसे प्रभावित करती है? महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है। ये खबर भी पढ़ें… सितंबर में थोक महंगाई बढ़कर 1.84% पर पहुंची: सब्जियों और खाने-पीने की चीजें महंगी हुईं, अगस्त में ये 1.31% पर थी सितंबर महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.84% पर पहुंच गई है। इससे पहले अगस्त में थोक महंगाई घटकर 1.31% पर आ गई थी। जुलाई में ये 2.04% पर थी। सब्जियों और खाने-पीने के चीजों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। पूरी खबर पढ़ें…
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