ZEE के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर पक्षपात, भ्रष्टाचार और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि SEBI चेयरपर्सन भ्रष्ट हैं, क्योंकि सेबी में पद संभालने से पहले वह और उनके पति की संयुक्त आय लगभग 1 करोड़ रुपए प्रति वर्ष थी, जो अब 40-50 करोड़ रुपए प्रति वर्ष हो गई है। मीडिया और जांच एजेंसियों की ओर से इसकी जांच की जानी चाहिए, जिसमें सेटल और कम्पाउंड किए गए मामलों और कंपनियों की ओर से दी गई कंसल्टेशन फीस का एनालिसिस शामिल हो। ये कई तरीके हैं जिनसे वह और उनके पति कंपनियों और शेयर बाजार के भ्रष्ट ऑपरेटरों और फंड मैनेजरों से पैसे उगाही करते हैं।’ चंद्रा के सभी आरोपों को खारिज करते हुए SEBI के अधिकारी ने कहा,’ये अवसरवादी टिप्पणियां हैं और पूरी तरह से निराधार हैं।’ जी एंटरटेनमेंट और सोनी मर्जर डील टूटने के लिए माधबी पुरी बुच जिम्मेदार
चंद्रा ने जी एंटरटेनमेंट और सोनी मर्जर डील टूटने के लिए भी माधबी पुरी बुच को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा- SEBI की कार्रवाई के चलते जी और जापान की सोनी की भारतीय यूनिट के बीच 10 बिलियन डॉलर का मर्जर कैसिंल हो गया। चंद्रा ने कहा कि जी-सोनी का मर्जर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा था और उसे स्टॉक एक्सचेंज से मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन SEBI ने BSE/NSE को NCLT की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने और सोनी को डराने के लिए कहा, जिसके कारण सोनी ने आखिरकार इस मर्जर को कैंसिल कर दिया। इससे छोटे शेयरहोल्डर्स को भारी नुकसान हुआ। ICICI बैंक से करोड़ों रुपए अवैध रूप से लेने का आरोप
चंद्रा ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर, बुच को ‘भारी रकम’ दे रही थीं और वे दोनों हर दिन कम से कम 20 बार फोन पर बात करते थे। चंद्रा ने कहा, ‘आज सुबह पता चला है कि वह ICICI बैंक से करोड़ों रुपए अवैध रूप से ले रही थीं।’ 2023 में SEBI जी की एक कंपनी के प्रमोटर्स पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।
SEBI ने अगस्त 2023 में एक आदेश में चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका को चार ग्रुप कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर रहने से रोक दिया था। जून 2023 में SEBI ने शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी, जो कि एस्सेल ग्रुप की एक कंपनी है, के प्रमोटर्स पर धोखाधड़ी और फंड डायवर्जन का भी आरोप लगाया था।
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