हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी (JJP) और चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी (ASP) ने 19 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला समेत 2 विधायकों को टिकट दी गई है। दुष्यंत के साथ अमरजीत ढांडा को जुलाना से टिकट दी गई है। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम आयुषी अभिमन्यु राव का है। जो भाजपा के पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के भाई की बेटी हैं। जजपा ने उन्हें अटेली से उम्मीदवार बनाया है। दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला विधानसभा उपचुनाव हार चुके हैं। उन्हें अभी तक कोई चुनावी जीत नहीं मिली है। लिस्ट जारी होने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा- सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बता दें कि 27 अगस्त को JJP और ASP का गठबंधन हुआ था। इसमें तय हुआ था कि JJP 70 और ASP 20 उम्मीदवार उतारेगी। कल नामांकन भरेंगे दुष्यंत चौटाला
उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के साथ ही जेजेपी नामांकन के पहले दिन 5 सितंबर से उम्मीदवारों का पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी। गुरुवार को पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत उचाना कलां से अपना नामांकन भरेंगे। इससे पहले सुबह जेजेपी के उचाना कार्यालय में हवन होगा और उसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ दुष्यंत चौटाला नामांकन दाखिल करने जाएंगे। उम्मीदवारों की पूरी प्रोफाइल… 2019 में बीजेपी से गठबंधन, डिप्टी CM बने थे दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला ने 2014 में INLD से हिसार से लोकसभा सांसद बने थे। इसके बाद पारिवारिक विवाद हो जाने के बाद 8 दिसंबर 2018 में जजपा का गठन किया। 2019 में उचाना से विधानसभा चुनाव लड़ा। जीतकर विधानसभा पहुंचे, बीजेपी के साथ गठबंधन कर साढ़े चार सत्ता में रहे। लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी से बात नहीं बन पाने के कारण बीजेपी और जजपा का गठबंधन टूट गया था। इस बार के विधानसभा चुनाव में जजपा आजाद समाज पार्टी से गठबंधन कर मैदान में है। उपचुनाव और लोकसभा चुनाव हार चुके दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला ने अभी तक कोई भी चुनाव नहीं जीता है। वह जनवरी 2019 में जींद में हुए उपचुनाव में खड़े हुए थे, लेकिन हार गए थे। इसके बाद 2019 में ही सोनीपत लोकसभा से चुनाव लड़ा था, उसमें भी करारी हार मिली थी। दिग्विजय चौटाला पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई हैं। अभी वह जजपा की युवा विंग की कमान संभाल रहे हैं। पूर्व मंत्री नरबीर के भाई की बेटी को टिकट
जेजेपी ने अटेली से आयुषी अभिमन्यु राव को टिकट दिया है। आयुषी बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के भाई कमलबीर सिंह की लड़की हैं। उनके पति अभिमन्यु राव कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के भतीजे हैं। अभिमन्यु राव फिलहाल जेजेपी में उपाध्यक्ष पद पर हैं। पहले अभिमन्यु राव के ही चुनाव लड़ने की चर्चा थी। अभिमन्यु राव खुद लंबे समय से अटेली हल्के में सक्रिय हैं। उनके दादा पूर्व विधायक अभय सिंह का अहीरवाल इलाके में खासा प्रभाव रहा हैं। उनके ताऊ के बेटे चिरंजीव राव रेवाड़ी से विधायक हैं। मूलरूप से रेवाड़ी जिले के गांव सहारनवास के रहने वाले अभिमन्यु राव की पत्नी आयुषी सहारनवास की सरपंच भी रह चुकी हैं। कंडक्टर को मिली टिकट
बावल सीट से जेजेपी ने पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल को टिकट दिया हैं। रामेश्वर दयाल चौटाला परिवार से काफी समय से जुड़े हुए हैं। हरियाणा रोडवेज में कंडक्टर पद से रिटायर्ड होने के बाद 2009 में वह इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर बावल से चुनाव जीते थे। हालांकि बाद में पार्टी के दो फाड़ होने के बाद वह कांग्रेस में चले गए। दो साल पहले वह वापस जेजेपी में लौटे। उसके बाद से ही उन्हें बावल सीट पर दावेदार माना जा रहा था। पूर्व विधायक राजदीप फोगाट को टिकट
दादरी से जेजेपी ने पूर्व विधायक राजदीप फोगाट को चुनाव मैदान में उतारा है। 2014 में वह INLD से विधायक रह चुके हैं। 2019 में जजपा ने उन्हें टिकट दिया था, लेकिन हार गए थे। 2019 में 24 हजार वोटों से जीते थे अमरजीत ढांडा
अमरजीत ढांडा अभी जुलाना से जेजेपी के विधायक हैं। उन्हें फिर से यहीं से पार्टी ने मैदान में उतारा है। ढांडा ने पिछला विधानसभा चुनाव करीब 24 हजार वोट के अंतर से जीता था। वह जेजेपी व्यापार और किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं। ढांडा व्यापारी हैं। पूर्व मंत्री के बेटे को टिकट
धर्मपाल प्रजापत को जींद से टिकट मिली है। वह पूर्व मंत्री परमानंद के बेटे हैं। वह जेजेपी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य हैं। जेजेपी बीसी सेल के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। गोहाना से कुलदीप मलिक को फिर मैदान में उतारा
जेजेपी ने गोहाना से कुलदीप मलिक को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। वह पिछले विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार थे। सोनीपत जिला परिषद के चेयरमैन रहे हैं। पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे विरेंद्र
हिसार की नलवा विधानसभा से जजपा ने 42 वर्षीय विरेंद्र चौधरी पर दांव लगाया है। वीरेंद्र चौधरी इससे पहले 2019 में भी नलवा से चुनाव लड़ चुके हैं। पिछली बार वीरेंद्र चौधरी को 20,469 वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर रहे थे। गुहला में सरपंच को मैदान में उतारा
गुहला से जेजेपी ने कृष्ण बाजीगर को मैदान में उतारा है। वह जेजेपी एससी सेल के जिला संयोजक रहे हैं। गांव कांगथली के सरपंच हैं। इनका परिवार चौधरी देवीलाल के समय से राजनीति में सक्रिय है। JJP के 7 विधायकों ने छोड़ी पार्टी
JJP के 7 विधायक पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इनमें नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा, उकलाना से अनूप धानक, टोहाना से देवेंद्र बबली, शाहबाद से रामकरण काला, गुहला चीका से ईश्वर सिंह, नारनौंद से रामकुमार गौतम और बरवाला से जोगीराम सिहाग शामिल हैं। अब पार्टी में उचाना से विधायक दुष्यंत चौटाला, बाढड़ा से विधायक उनकी मां नैना चौटाला और जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा बचे हैं। कैसे बनी जननायक जनता पार्टी
जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन 9 दिसंबर 2018 को हुआ था। पार्टी के गठन की पीछे चौटाला परिवार की सियासी लड़ाई रही है। पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के सबसे बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला हैं। ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाला हैं। अभय चौटाला से छिड़ी सियासी रार के बाद अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी का गठन किया था। 2019 में जेजेपी को 27.34 प्रतिशत वोट मिले थे। वह हरियाणा में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां
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