हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) का शेयर आज शुक्रवार (16 अगस्त) को करीब 10% गिरा। कंपनी का शेयर 9.40% की गिरावट के साथ 518 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दरअसल, वेदांता ग्रुप हिंदुस्तान जिंक में ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए अपनी 3.17% हिस्सेदारी बेच रहा है। वेदांता OFS में 486 रुपए के भाव से हिंदुस्तान जिंक के शेयर बेच रही है, जो कंपनी के शेयर की मौजूदा कीमत से 50 रुपए कम है। वेदांता OFS में टोटल 13.37 करोड़ शेयर्स बेचेगी
इस वजह से ही कंपनी के शेयर में यह गिरावट देखने को मिल रही है। वेदांता दो दिन में OFS के जरिए 16 अगस्त और 19 अगस्त को हिंदुस्तान जिंक के टोटल 13.37 करोड़ शेयर्स बेचेगी। हिंदुस्तान जिंक, वेदांता ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी है। इस साल 67% चढ़ा हिंदुस्तान जिंक का शेयर
हिंदुस्तान जिंक का शेयर बीते 5 दिन में 10.79% और एक महीने में 18.49% गिरा है। पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयर ने 72.35% और एक साल में 67% का रिटर्न दिया है। इस साल यानी 1 जनवरी 2024 से अब तक की बात करें तो हिंदुस्तान जिंक का शेयर 69.53% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट कैप 2.27 लाख करोड़ रुपए है। वेदांता ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि OFS के लिए फ्लोर प्राइस ₹486 प्रति शेयर तय किया गया है, जो बुधवार को हिंदुस्तान जिंक के क्लोजिंग प्राइस से 15% डिस्काउंट पर है। OFS के फ्लोर प्राइस पर बेचे गए 13.37 करोड़ शेयरों से वेदांता को ₹6500 करोड़ की राशि मिलेगी। इससे पहले मंगलवार को अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांता ने घोषणा की थी कि वह OFS के जरिए हिंदुस्तान जिंक में 11 करोड़ शेयर्स या टोटल इक्विटी का 2.6% बेचने का प्लान बना रही है। OFS का बेस साइज 5.14 करोड़ शेयर्स या टोटल इक्विटी का 1.22% है, साथ ही एडिशनल 8.23 करोड़ शेयर्स या टोटल इक्विटी का 1.95% बेचने का ओप्शन भी है। हिंदुस्तान जिंक का OFS नॉन-रिटेल निवेशकों के लिए 16 अगस्त को और रिटेल निवेशकों के लिए 19 अगस्त को ओपन होगा। हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की 64.92% हिस्सेदारी
जून तिमाही के आखिरी तक वेदांता के पास हिंदुस्तान जिंक में 64.92% हिस्सेदारी है। वेदांता के अलावा हिंदुस्तान जिंक में सरकार की 29.54%, LIC की 2.76% और भारत के म्यूचुअल फंड की सिर्फ 0.06% हिस्सेदारी है। स्मॉल शेयरहोल्डर्स, या जिनकी ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल ₹2 लाख से कम है, उनके पास हिंदुस्तान जिंक में सिर्फ 1.51% हिस्सेदारी है। जून तिमाही तक ऐसे 4.33 लाख शेयरहोल्डर्स हैं। वेदांता ने हाल ही में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से जुटाए गए ₹8500 करोड़ का उपयोग करके अपनी सब्सिडियरी कंपनी के कुछ गिरवी रखे शेयरों को जारी किया था। हिंदुस्तान जिंक के लिए OFS का मतलब होगा कि कंपनी का फ्रीफ्लोट, जो वर्तमान में केवल 2.5% है, वेदांता द्वारा शेयर बेचने के बाद लगभग 6% हो जाएगा। हिंदुस्तान जिंक ₹8,000 करोड़ का लाभांश देगी
एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, हिंदुस्तान जिंक मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने शेयरधारकों को 8,000 करोड़ रुपए का स्पेशल डिविडेंड देने का प्लान कर रही है। लाभांश की मंजूरी को अंतिम रूप देने के लिए कंपनी के बोर्ड की मीटिंग 20 अगस्त को होगी। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड या लाभांश कहते हैं। सरकार को ₹2,400 करोड़ रुपए देगी कंपनी
रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल डिविडेंड का 30% (करीब 2,400 करोड़ रुपए) नॉन-टैक्स रेवेन्यू के रूप में सरकार को दी जाएगी। हिंदुस्तान जिंक में सरकार की हिस्सेदारी 29.5% है। वेदांता की 64% हिस्सेदारी, इसे ₹5,100 करोड़ मिलेंगे
वहीं, HZL की प्रमोटर कंपनी वेदांता लिमिटेड की हिस्सेदारी करीब 64% है, इसे स्पेशल डिविडेंड के तौर पर करीब 5,100 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके जरिए वेदांता अपनी बैलेंस शीट में लीवरेज कम करने के लिए कर सकती है। रेगुलर डिविडेंड से अलग होगा स्पेशल डिविडेंड
शेयरहोल्डर्स को मिलने वाला यह स्पेशल डिविडेंड कंपनी की ओर से दी जाने वाली सालाना रेगुलर डिविडेंड से अलग होगा। हिंदुस्तान जिंक हर साल अपने शेयरधारकों को करीब 6,000 करोड़ रुपए लाभांश के रूप में देती है। 2022-23 में कंपनी ने 32,000 करोड़ का लाभांश दिया था
वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने टोटल 5493 करोड़ रुपए लाभांश के रूप में अपने शेयर होल्डर्स को दिया था। इसमें सरकार को 29.5% स्टेक के बदले 1622 करोड़ रुपए मिले थे। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी ने रिकॉर्ड 32,000 करोड़ का डिविडेंड अपने शेयर होल्डर्स को दिया था। तब सरकार को 9500 करोड़ रुपए मिले थे।
Posted inBusiness