18 साल के द्रोण देसाई ने एक स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में एक पारी में 498 रन बना डाले हैं। वे 450 से ज्यादा रन बनाने वाले भारत के छठे बल्लेबाज बन गए हैं। टूर्नामेंट का आयोजन सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट अहमदाबाद ने किया था। यह टूर्नामेंट गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अंतर्गत आता है। द्रोण ने यह पारी गांधीनगर के शिवाय क्रिकेट मैदान पर चल रहे दीवान बल्लूभाई कप अंडर-19 मल्टी-डे टूर्नामेंट में जेएल इंग्लिश स्कूल के खिलाफ खेली है। उन्होंने सेंट जेवियर्स की ओर से खेलते हुए 320 गेंदों का सामना किया। द्रोण की इस पारी में 7 छक्के और 86 चौके शामिल थे। नंबर 3 पर उतरे द्रोण ने 386 रन बॉउंड्री से बनाए। प्रणव धनावड़े ने बनाए थे 1009 रन
देसाई 450+ स्कोर बनाने वाले देश के छठे बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले मुंबई के प्रणव धनावड़े (नाबाद 1009), पृथ्वी शॉ (546), डॉ. हवेवाला (515), चमनलाल (नाबाद 506) और अरमान जाफर (498) एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे हैं। जनवरी 2016 में प्रणव ने भंडारी कप में खेलते हुए केसी गांधी स्कूल की ओर से आर्या गुरुकुल (सीबीएसई) के खिलाफ 327 गेंदों में 129 चौके और 59 छक्कों की बदौलत यह पारी खेली थी। जो स्कूली टूर्नामेंट में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। उन्होंने यह पारी कल्याण (मुंबई) में खेली थी। 500 रन नहीं बना पाया, इसलिए निराश हूं: द्रोण
देसाई ने मैच के बाद कहा कि वे इस बात से खुश नहीं हैं कि वे 500 रन बनाने से रह गए। मैदान में कोई स्कोरबोर्ड नहीं था और मेरी टीम ने मुझे नहीं बताया कि मैं 498 रन पर बल्लेबाजी कर रहा हूं, मैंने स्ट्रोक खेला और आउट हो गया, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इतने रन बनाने में कामयाब रहा। द्रोण ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया, मैंने 7 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और मेरे पिता ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया, क्योंकि उन्हें लगा कि मेरे अंदर एक अच्छा क्रिकेटर बनने की क्षमता है। वे मुझे जेपी सर (जयप्रकाश पटेल) के पास ले गए, जिन्होंने 40 से ज्यादा क्रिकेटरों को कोचिंग दी थी। मैं क्लास 8 से 12 तक मैं सिर्फ परीक्षाओं के लिए स्कूल जाता था। मैंने बस क्रिकेट खेलना जारी रखा और उम्मीद है कि एक दिन मैं नाम कमाऊंगा।
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