Byju’s के फाउंडर बोले- मैं धोखेबाज नहीं, वापसी करूंगा:नेटवर्थ जीरो हुई इसके लिए बड़े निवेशक जिम्मेदार, उन्होंने साथ छोड़ा इसलिए हालात बिगड़े

फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कहा कि मुश्किल समय में सहयोगियों ने साथ छोड़ दिया, जिससे कंपनी के हालात खराब हुए थे। रवींद्रन ने वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में ये बात कही। इस दौरान उन्होंने अपनी कंपनी के सबसे बुरे दौर, नेटवर्थ जीरो होने के साथ-साथ BCCI के साथ विवाद, फंड जुटाने, भारत छोड़ने और दुबई में रहने के कारणों सहित कई मुद्दों पर बात की। मैं धोखेबाज नहीं, होता तो अपना सारा पैसा निकाल लेते रवींद्रन कहा कि उनकी कंपनी धोखेबाज नहीं है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर हमने कोई गलती नहीं की है। कोई फ्रॉड नहीं किया है। अगर फ्रॉड होता तो फाउंडर्स पैसा निकाल लेते। मैं कंपनी में अपना सारा पैसा नहीं लगाता। उन्होंने कहा, ‘मैं डेडलाइन नहीं देना चाहता, लेकिन मैं वापसी करूंगा’। रवींद्रन के मीडिया इंटरेक्शन के मुख्य हिस्से… रवीन्द्रन ने मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर की थी करियर की शुरुआत बायजू रवीन्द्रन ने एक मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। 2011 में उन्होंने बायजूस की स्थापना की, तब यह सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला स्टार्टअप बन गया। कंपनी ने 2022 में इसकी वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर करीब 1.84 लाख करोड़ रुपए बताई थी। बायजूस प्राइमरी लेवल से लेकर MBA तक के स्टूडेंट्स को कोचिंग देती है। ये खबरें भी पढ़ें… 1. अप्रैल में बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ जीरो हो गई थी, तब फोर्ब्स ने उन्हें बिलेनियर्स की लिस्ट से भी बाहर कर दिया था इस साल अप्रैल 4 अप्रैल को वित्तीय संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ शून्य हो गई थी। एक साल पहले यानी 4 अप्रैल 2023 को उनकी नेटवर्थ 2.1 बिलियन डॉलर (तब करीब ₹17,545 करोड़) थी। फोर्ब्स की बिलेनियर इंडेक्स 2024 में ये जानकारी सामने आई थी। पूरी खबर पढ़ें… 2. बायजूस के खिलाफ नहीं चलेगी दिवालिया कार्रवाई: NCLAT ने BCCI के साथ समझौते को स्वीकार किया, कंपनी का कंट्रोल फिर से बायजू के पास 3. दिवालिया कार्रवाई आगे बढ़ी तो बंद हो जाएगी बायजूस: CEO बायजू रवीन्द्रन ने कोर्ट फाइलिंग में यह बात कही, बोले- कारोबार पूरी तरह से ठप हो जाएगा 4. दिवालिया कार्रवाई को बायजूस ने चुनौती दी: BCCI के साथ सुलह करने की कोशिश भी कर रही कंपनी, स्पॉन्सरशिप के ₹158 करोड़ हैं बकाया

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